नई दिल्ली। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी BSNL को हाल ही के वर्षों में भारी घाटे के लिए पूर्ववर्ती संप्रग (UPA) सरकार को दोषी ठहराया। बीएसएनएल की स्थिति पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि जब 2004 में राजग सरकार का कार्यकाल समाप्त हुआ तो बीएसएनएल ने 10,000 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के दस साल के कार्यकाल के बाद कंपनी का घाटा 8,000 करोड़ रुपए अनुमानित रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह सरकार की अकर्मण्यता से कंपनी घाटे में आ गई। प्रसाद ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राजग सरकार के 20 महीनों में बीएसएनएल ने पहली बार 672 करोड़ रुपए का परिचालन मुनाफा कमाया है। उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि बीएसएनएल सही राह पर है।
दूरसंचार विभाग स्पेक्ट्रम विक्रेता के बकाये की जानकारी देगा, खरीदार खुद करें जांच
दूरसंचार विभाग ने परिचालकों को सूचित किया है कि वह स्पेक्ट्रम सौदे में केवल विक्रेता के लंबित बकाये के बारे में जानकारी देगा। इसके साथ उसने गेंद खरीदार के पाले में डाल दी कि वह सौदे में स्वयं जांच पड़ताल करे। दूरसंचार परिचालकों ने दूरसंचार विभाग से यह पूछा था कि क्या वह स्पेक्ट्रम सौदे में संबंधित कंपनी को कोई बकाया नहीं होने का प्रमाणपत्र जारी करेगा, इस पर स्पष्टीकरण जारी किया गया है।
हालांकि, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने कहा कि यह विक्रेता की जवाबदेही है कि वह किसी भी बिक्री समझौते को अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचाने से पहले एक मुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क तथा उपयोग शुल्क के रूप में सभी बकाये का निपटान करे। स्पेक्ट्रम व्यापार नियमों के तहत एक कंपनी के रेडियो तरंगों की बाध्याताएं खरीदार पर आ जाती है।