नई दिल्ली। रिलायंस कम्युनिकेशंस में नकदी के ताजा संकट के बीच वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा कि देश के बैंकों ने दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी Airtle, Idea, Vodafone को बहुत अधिक कर्ज नहीं दिया है, लेकिन डिफॉल्ट से बैंकों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है। यह भी पढ़े: फिच ने भारत की रेटिंग में नहीं किया कोई बदलाव, इकोनॉमिक आउटलुक को बताया स्थिर
फिच ने कहा
रेटिंग एजेंसी के एक नोट में कहा गया है कि संकट में फंसी दूरसंचार कंपनियों को भारतीय बैंकों का कर्ज इतना अधिक नहीं है कि इससे प्रणालीगत जोखिम की स्थिति पैदा हो, लेकिन किसी तरह के डिफॉल्ट से बैंकों की समस्या बढ़ सकती और उनका बहीखाता कमजोर हो सकता है। यह भी पढ़े: #WWDC : Apple ने लॉन्च किए iMac और MacBook समेत ये छह नए प्रोडक्ट, जानिए कीमत और खासियत
टेलीकॉम कंपनियों पर बैंका का 91300 करोड़ रुपए बकाया
रिजर्व बैंक के अनुसार दूरसंचार कंपनियों पर बैंकों का बकाया कर्ज 91,300 करोड़ रपये या 14 अरब डॉलर है। यह कुल बैंक रिण का 1.4 प्रतिशत है। अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस पर बैंकों का 45,000 करोड़ रपये का कर्ज है और वह इसे चुकाने के लिए संघर्ष कर रही है। Step by Step Guide : दुर्घटना होने पर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्लेम करने का यह है आसान तरीका
Jio की एंट्री से बढ़ी मुश्किलें
फिच ने कहा कि देश की दूरसंचार कंपनियों के कर्ज की पृष्ठभूमि पिछले साल रिलायंस जियो के प्रवेश तथा 4जी सेवाओं के लिए नेटवर्क पर निवेश की वजह से प्रभावित हुई है। फिच ने कहा कि कुछ कंपनियों को अपना कर्ज चुकाने में दिक्कत आ सकती है और हमने इस क्षेत्र के लिए नकारात्मक परिदृश्य रखा है।Air India को पूरी तरह बेचने के पक्ष में सरकार, वित्त मंत्री ने गिनाए निजीकरण के कारण