नई दिल्ली। देश के दिग्गज कारोबारी टाटा ग्रुप के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा ने वेलेंटाइन डे से ठीक पहले अपने प्यार को याद किया। उन्होने ये बात लोगों से ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे के जरिए शेयर की है। जिसमें उन्होने दूसरे विश्व युद्ध से लेकर भारत चीन युद्ध के बीच के दौर से जुड़ी अपनी यादें लोगों के साथ साझा की। सोशल मीडिया पर पोस्ट इन बातों में दोनो युद्धों के बीच के वक्त में रतन टाटा को मिले प्यार से लेकर परवरिश तक के अनुभवों का जिक है।
रतन टाटा के मुताबिक उन्हें प्यार तब हुआ था जब वो लॉस एंजिल्स में नौकरी कर रहे थे। रतन टाटा के शब्दों में ..वो एक अच्छा वक्त था...मौसम बहुत खूबसूरत था..मेरे पास अपनी कार थी और मुझे अपने काम से प्यार था..एलए (लॉस एंजिल्स) में ही मैं प्यार में पड़ा..और शादीशुदा होने ही वाला था।
हालांकि अब सब जानते हैं कि रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की। अपने प्यार से शादी न हो पाने की वजह बताते हुए रतन टाटा ने कहा...कि उनकी दादी की तबियत काफी समय से खराब थी इसलिए उन्हे भारत लौटना पड़ा. उनको उम्मीद थी कि उनका प्यार भी भारत आएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। रतन टाटा बताते हैं कि 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद लड़की के माता पिता शादी के फैसले पर सहमत नहीं हुए और रिश्ता टूट गया।
इससे पहले रतन टाटा ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद उनकी दादी छुट्टियां मनाने के लिए उन्हे भाई के साथ लंदन ले गई, जहां उन्होने जिंदगी के मूल्यों की अहमियत बताई उन्होने ही समझाया कि इज्जत सबसे बडी चीज होती है। दादी ने ही सिखाया कि अपनी बात रखने की हिम्मत रखते वक्त विनम्रता और शालीनता भी शामिल होनी चाहिए।