नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय कारोबारी सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) पर राज्यों की रैंकिंग जनवरी में जारी सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। वर्ष 2016 में अखिल भारतीय स्तर पर राज्य-संघ शासित प्रदेशों की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रहे थे।
इस कदम का उद्देश्य निवेश आकर्षित करने और कारोबारी माहौल सुधारने के लिए राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है। राज्यों को सुधारों के बारे में प्रमाण अपलोड करने की समयसीमा कल तक के लिए बढ़ा दी गई है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हम जनवरी या फरवरी तक रैंकिंग जारी करने का प्रयास कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकारें ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति को बेहतर करने के लिए कई कदम उठा रही हैं। वे मंजूरियों के लिए एकल खिड़की प्रणाली स्थापित कर रही हैं। पिछले साल की रैंकिंग 340 सूत्री कारोबार सुधार कार्रवाई योजना और राज्यों द्वारा उनके क्रियान्वयन पर आधारित थी।
जिन मानदंडों के आधार पर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग तय की जाती है उनमें निर्माण परमिट, श्रम नियमन, पर्यावरणीय पंजीकरण, सूचना तक पहुंच, भूति की उपलब्धता तथा एकल खिड़की प्रणाली शामिल हैं। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 30 अंक की छलांग के साथ भारत 100वें स्थान पर आ गया है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) विश्व बैंक के साथ 200 से अधिक सुधारों की मान्यता पर काम कर रहा है। इससे भारत को कारोबार सुगमता की सूची में शीर्ष 50 देशों में आने में मदद मिलेगी।
यह भी पढ़ें : कालेधन पर पनामा लीक के बाद अब सामने आए पैराडाइज दस्तावेज, 714 भारतीयों के नाम शामिल
यह भी पढ़ें : नोटबंदी : सरकार ने बंद की सवा 2 लाख कंपनियां, 3 लाख से ज्यादा निदेशकों को भी बर्खास्त किया