नई दिल्ली। पूरी दुनिया में अपने योग का लोहा मनवाने के बाद बाबा रामदेव अब अंतरराष्ट्रीय उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को लोहे के चने चबाने जैसी चुनौती दे रहे हैं। बाबा रामदेव ने साल 2006 में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की स्थापना की थी। इसके पास हर्बल चाय और फ्रूट जूस से लेकर टॉयलेटरीज प्रोडक्ट्स का एक बड़ी श्रृंखला है। पतंजलि आयुर्वेद एफएमसीजी सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रही है और एक बाद एक नए उल्पाद लॉन्च कर बाजार में अपनी अलग पहचान और जगह बना रही है। इसी हफ्ते कंपनी ने नेस्ले की मैगी को टक्कर देने के लिए ‘पतंजलि आटा नूडल्स’ को लॉन्च किया है। इसके अलावा पतंजली ग्लोबल स्पोर्ट्स वियर ब्रांड नाइके और एडिडास को चुनौती देने के लिए योग-वियर कलेक्शन बाजार में उतारने की तैयारी में है। भारत में एफएमसीजी का सालाना कारोबार 2.64 लाख करोड़ रुपए का है।
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बड़े ब्रांडों को पतंजलि दे रहा है चुनौती
बीते साल करीब 2500 करोड़ का राजस्व हासिल करने वाली पतंजलि आयुर्वेद अब FMCG बाजार के बड़े प्लेयर्स को टक्कर देने के लिए तैयार है। कंपनी ने राजस्व के मामले में तमाम लिस्टेड एफएमसीजी कंपनियों मसलन इमामी, प्रोक्टर एंड गैम्बल और ज्योति लैब्स को पीछे छोड़ दिया है। अगले कुछ वर्षों में पतंजलि का लक्ष्य 5000 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित करने का है। मैनेजमेंट कंसल्टेंसी टेक्नोपार्क के डायरेक्टर अरविंद सिंघल ने कहा कि अगर चालू वित्त वर्ष में पतंजलि आयुर्वेद 5000 करोड़ रुपए राजस्व लक्ष्य को हासिल कर लेती है तो यह देश की टॉप-5 एफएमसीजी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो जाएगी। वहीं, हाल में किए गए प्रोडक्ट लॉन्च की घोषणा को देखते हुए लगता है कि कंपनी अगले दो से तीन साल के अंदर टॉप-3 में शामिल हो जाएगी। पतंजलि आयुर्वेद की सीधी टक्कर एचयूएल, नेस्ले, आईटीसी फूड्स, और जीएसके जैसी कंपनियों से है।
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पतंजलि के पास बड़ा रिटेल चेन
पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट फ्रेंचाइजी के माध्यम से देश में बड़े पैमाने पर उपलब्ध हैं। करीब 1.77 लाख रिटेल स्टोर के जरिये पतंजलि अपने उत्पादों की बिक्री कर रही है। यही नहीं, अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए पतंजलि ने इस साल अक्टूबर में फ्यूचर ग्रुप के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत देशभर में फ्यूचर ग्रुप के रिटेल स्टोर बिग बाजार, फूड बाजार, नीलगिरी और फूड हॉल पर पतंजलि के प्रोडक्ट्स की बिक्री होगी। 95 से अधिक शहरों में उपस्थिति के साथ फ्यूचर ग्रुप भारत की सबसे बड़े रिटेल ग्रुप में से एक है। पतंजलि आयुर्वेद का मुख्यालय हरिद्वार (उत्तराखंड) में है। इसकी शुरूआत 41 करोड़ की पूंजी से 2006 में की गई थी।
पतंजलि आयुर्वेद की ये है ताकत
अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए की अगस्त में जारी रिपोर्ट के मुताबिक पतंजलि की ताकत आम जनता तक सीधे पहुंच है। रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए पारंपरिक रास्ता अपना रही है और आने वाले वर्षों में इसे और तेज गति से बढ़ाने की तैयारी है। देश की एफएमसीजी कंपनियां आमतौर पर अपनी कमाई का 10-15 फीसदी हिस्सा विज्ञापन पर खर्च करती हैं, जबकि पतंजलि सिर्फ बाबा रामदेव पर निर्भर है। हालांकि, हाल के दिनो में पंतजलि ने टीवी और अखबार में विज्ञापन देने शुरू किए हैं। सीएलएसए के अनुसार, पतंजलि के पास 20 करोड़ लोगो तक पहुंचने की क्षमता है, जो कि डायरेक्ट या इंडायरेक्ट रूप से बाबा रामदेव के योग कार्यक्रम से जुड़े हैं।
2016 में 3.23 लाख करोड़ रुपए की होगी इंडस्ट्री
नीलसन के अनुमान के मुताबिक 2013 से 2016 के दौरान भारत की एफएमसीजी मार्केट 37 से 49 अरब डॉलर (करीब 3.23 लाख करोड़ रुपए) के बीच रहने का अनुमान है। नीलसन ने 2015 में 10 फीसदी और 2016 में 12 फीसदी की ग्रोथ रेट से बढ़ने का अनुमान लगाया है। 2013 में 84 लाख आउटलेट के साथ एफएमसीजी इंडस्ट्री ने 1.26 अरब लोगो को सर्विस दिया। इस दौरान इस इंडस्ट्री ने 37 अरब डॉलर का कारोबार किया था।
Source: Quartz India, Nielsen and IBEF