नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू नदी पर जल्द ही एक रामायण क्रूज सेवा की शुरुआत की जाएगी। यह आने वाले तीर्थयात्रियों को रामचरित मानस यात्रा कराएगा। बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पवित्र सरयू नदी में पहली लक्जरी क्रूज (जलपोत) सेवा जल्द शुरू की जाएगी। इस परियोजना का लक्ष्य अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को यादगार अनुभव प्रदान करना है।
बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को क्रूज सेवा शुरू करने के संदर्भ में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। मंत्रालय ने कहा कि सरयू नदी पर अपनी तरह की यह पहली क्रूज सेवा लोकप्रिय घाटों से गुजरेगी और यात्रियों को अनोखा अनुभव प्रदान करेगी। इस क्रूज पर सभी लक्जरी सुविधाओं के साथ-साथ अनिवार्य सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुरक्षा मानकों के अनुरूप होगी। क्रूज की आंतरिक सज्जा रामचरित मानस पर आधारित होगी।
इस पूरी तरह से वातानुकूलित क्रूज में कांच की बड़ी खिड़कियां होंगी जिससे यात्री घाटों की सुंदरता निहार सकेंगे। इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए रसोई भी होगी। क्रूज में जैव शौचालय होंगे, साथ ही हाइब्रिड इंजन लगे होंगे जो पर्यावरण पर कोई असर नहीं डालेंगे। क्रूज एक से सवा घंटे में 15 से 16 किलोमीटर की यात्रा करेगा। साथ ही वीडियो फिल्म भी दिखाई जाएगी, जो रामचरितमानस पर आधारित होगी। यह फिल्म भगवान राम के जन्म से लेकर उनके राज्याभिषेक तक के कालखंड की कहानी दिखाएगी।
बयान के मुताबिक हर साल दो करोड़ पर्यटक भगवान राम की जन्मस्थली देखने अयोध्या आते हैं और यह देश के सात सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में पहले स्थान पर है। राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद ऐसी उम्मीद है कि पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। बयान में कहा गया है कि रामायण क्रूज टूर न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा बल्कि इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन भी करेगा।