नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बोतलबंद पानी और शीतलपेय को उनके अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) से अधिक दाम पर बेचे जाने के मामले में नियमन के लिए अलग कानून लाने की संभावना से इंकार किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून में इस अनुचित व्यापार व्यवहार को रोकने के प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं।
यह भी पढ़ें : पूरे देश में एक रेट पर बिकेगा बोतलबंद पानी, अब नहीं चलेगी कंपनियों की मनमानी: रामविलास पासवान
कानूनी तौर पर माप-तौल पद्धति के प्रवर्तन (एनफोर्समेंट) को सुदृढ़ करने के लिए पासवान ने कहा कि भार और नाप तौल में अनुचित व्यापार कार्यव्यवहार को रोकने के लिए राज्यों को तकनीकी समर्थन प्रदान करने का, ग्राम पंचायत में ऐसी सुविधा को निर्मित करने कि जहां लोग भार मापने वाली मशीन की गुणवत्ता की दोबारा जांच कर सकें और इसके अलावा दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंचने के लिए प्रयोगशाला के साथ मोबाइल वैन प्रदान करने का फैसला किया गया है।
यह भी पढ़ें : देशभर में पेट्रोल पंपों और LPG डिस्ट्रीब्यूटर्स पर IT के छापे, नोटबंदी के दौरान ब्लैकमनी को व्हाइट करने का शक
उत्पादों के MRP को निजी कंपनियां तय करती हैं। लेकिन MRP से अधिक पैसा वसूलने और दोहरे MRP घोषित करने की शिकायतें मिलीं हैं। हाल में उपभोक्ता अदालत NCDRC ने MRP से अधिक कीमत पर पानी बेचने के लिए जुर्माना लगाया था।
वैधानिक माप पद्धति पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति बैठक के बाद पासवान ने कहा कि
MRP को विनियमित करने के लिए किसी नये कानून की कोई आवश्यकता नहीं है। मौजूदा कानून पर्याप्त है और हमारे पास उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की पर्याप्त शक्ति है।