नई दिल्ली। आभूषण कारोबारी अब अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को ज्वैलर्स के रजिस्ट्रेशन और नवीकरण की ऑनलाइन प्रणाली का शुभारंभ किया। इसके साथ सोने के गहनों की शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्रों की मान्यता और मान्यता का नवीकरण भी आसान हो गया है। राम विलास पासवान ने आज विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से, ज्वैलर्स और शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्रों (A & H Centres) के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए बीआईएस द्वारा तैयार किए गए मोड्यूल का लोकार्पण किया और इसकी खूबियों और होने वाले फायदों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि देश के लगभग सभी प्रमुख स्थानों पर सोने के गहनों की शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्र खोलने के लिए काफी लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है और जून 2021 तक इन स्थानों पर केंद्र स्थापित हो जाएंगे। अभी देश के 234 जिलों में 921 शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्र कार्यरत हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन मोड्यूल से ज्वैलर्स और उन उद्यमियों के लिए व्यापार करना सुगम होगा, जिन्होंने हॉलमार्किंग और शुद्धजा जांच केंद्रो की स्थापना की है या जो इनकी स्थापना करना चाहते हैं। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संवाददाताओं के साथ बातचीत में पासवान ने कहा कि अगले साल एक जून 2021 से सोने के गहने व कलाकृतियों पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की हॉलमार्किंग अनिवार्य रूप से लागू होने के बाद कोई गरीब ठगी का शिकार नहीं बनेगा।
उन्होंनें कहा कि सोने की ज्वैलरी और शिल्पवस्तुओं की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने के कारण रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आगे आने वाले ज्वैलरों की संख्या 5 लाख तक जाने की आशा है, जो वर्तमान में लगभग 31,000 के स्तर पर है। ज्वैलर्स अब रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन तथा आवश्यक शुल्क जमा करने की प्रक्रियाएं ऑनलाइन माध्यम से पूरी कर सकेंगे। खास बात यह है कि आवेदन को प्रोसेस करने में किसी प्रकार का ह्यूमन इंटरफेस नहीं होगा। कोई ज्वैलर जैसे ही अपेक्षित शुल्क के साथ आवेदन जमा करेगा, उसे रजिस्ट्रेशन प्रदान कर दिया जाएगा। रजिस्ट्रेशन संख्या की सूचना देते हुए उसे एक मेल और एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा और उस रजिस्ट्रेशन संख्या का प्रयोग करके वह रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकेगा।
पासवान ने कहा कि हॉलमार्क की जाने वाली सोने की ज्वैलरी एवं शिल्पवस्तुओं की संख्या में भी बड़ा उछाल आएगा। अनुमानित है कि यह संख्या पांच करोड़ के वर्तमान स्तर से 10 करोड़ तक जा सकती है, जिससे एसेयिंग एवं हॉलमार्किंग केंद्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत होगी। वर्तमान में, देश के 234 जिलों में 921 शुद्धता जांच सह हॉलमार्किंग केंद्र है। उन्होंने कहा कि बीआईएस एसेयिंग और हॉलमार्किंग केंद्रों के कार्यप्रवाह के स्वचालन के मोड्यूल पर भी काम कर रहा है, जिसके दिसंबर, 2020 तक तैयार होने की उम्मीद है।