नई दिल्ली। बलात्कार के आरोप में जेल गए राम रहीम पर और भी कई संगीन आरोप लग रहे हैं। बाबा को लेकर उसके पूर्व सहयोगियों ने इंडिया टीवी पर कई बड़े खुलासे किए हैं। एक बड़ा खुलासा काले धन को सफेद करने का भी है। राम रहीम के पूर्व सहयोगी गुरदास सिंह तूर ने इंडिया को बताया कि राम रहीम अपनी फिल्मों के जरिए काले धन को सफेद बनाने का काम करता था।
गुरदास सिंह तूर से जब ये पूछा गया कि राम रहीम पर अचानक फिल्मों को बनाने का भूत क्यों सवार हो गया। इसके जबाव में गुरदास सिंह तूर ने जो बताया वह काफी चौंकाने वाला था, उन्होंने कहा कि फिल्मों के जरिए वह कालेधन को सफेद बनाता था। उन्होंने कहा कि राम रहीम अपने सभी भक्तों को उनकी जमीन का 10वां हिस्सा डेरे के नाम करने को कहता था और उस जमीन की कोई रजिस्ट्री भी नहीं होती थी। राम रहीम के पास भारी मात्रा में कालाधन जमा हो जाता था और उस काले धन को वह अपनी फिल्मों के जरिए सफेद बनाता था।
गुरदास सिंह तूर ने बताया कि फिल्म देखने वाले सभी लोग डेरा के भक्त होते थे और उनको टिकट खुद डेरा की तरफ से ही बांटे जाते थे। राम रहीम टिकटों की भारी बिक्री का दावा करता था और फिल्म से 400-500 करोड़ रुपए की कमाई का दावा भी करता था। यह उसका काले धन को सफेद बनाने का तरीका था। उन्होंने बताया कि फिल्म इंडस्ट्री में डेरा के ही कुछ लोगों ने कंपनियां बनाई हुई हैं जिनके सहयोग से कालेधन को सफेद बनाने का काम होता था।
राम रहीम कुल 5 फिल्में बना चुका था और उन फिल्मों से बड़ी कमाई का दावा भी करता था। हालांकि बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट कम कमाई बताती थी। 2015 में राम रहीम ने द मैसेंजर नाम की फिल्म बनाई थी, बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को लेकर आंकड़े जारी करने वाली कुछ संस्थाओं ने कहा था कि इस फिल्म ने कुल 16.65 करोड़ रुपए की कमाई की है जबकि फिल्म के प्रोड्यूसर का दावा था कि फिल्म ने 126 करोड़ रुपए की कमाई की है। 2015 मे ही राम रहीम ने द मैसेंजर का दूसरा वर्जन द मैसेंजर-2 फिल्म रिजीज की, बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक द मैसेंजर-2 ने कुल 12 करोड़ रुपए की कमाई की जबकि फिल्म के प्रोड्यूसर का कहना था कि 453 करोड़ रुपए की कमाई हुई है।