नई दिल्ली। राज्यसभा ने गुरुवार को कॉरपोरेट कर में कटौती संबंधी अध्यादेश का स्थान लेने वाले कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2019 को पारित कर दिया है। यह विधेयक उस अध्यादेश का स्थान लेगा जिसे वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स दर को कम करने के लिए लाया गया था। लोकसभा ने पहले ही इस विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। राज्यसभा ने इस विधेयक को बिना किसी बदलाव के ध्वनिमत से पारित कर दिया।
नियम के मुताबिक, राज्यसभा धन विधेयक में संशोधन नहीं कर सकती है लेकिन संशोधन के लिए सिफारिश कर सकती है। धन विधेयक को 14 दिनों के भीतर लोकसभा में भेजना होता है या लोकसभा में पारित वास्तविक विधेयक को दोनों सदनों में पारित करना होता है।
राज्यसभा में संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर विकास, खनन और किताबों की छपाई कार्य को विनिर्माण के तहत घटी दर से कर के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
उन्होंने बताया कि विनिर्माण क्षेत्र में आने वाली नई कंपनियां यदि 15 प्रतिशत की निचली दर पाने की शर्तें पूरी नहीं करतीं हैं तो उनके लिए 22 प्रतिशत के कर दायरे में जाने का विकल्प दिया गया है। सीतारमण ने कॉरपोरेट कर की दर को कम करने संबंधी संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सुधार जारी रहेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि कर अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार का उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए लेकिन किसी भी गलत करने वाले को बख्शा नहीं जा सकता। वित्त मंत्री ने गरीबों के लिए मुफ्त एलपीजी, जनधन योजना शुरू करने का हवाला देते हुए सरकार पर अमीर हितैषी होने के आरोपों को खारिज किया।