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राज कुंद्रा और शिल्‍पा शेट्टी को मिली राहत, सेबी ने डिसक्‍लोजर चूक मामले का किया निपटारा

तरजीह आवंटन के बाद उनकी हिस्सेदारी में यह बदलाव नियमों के तहत तय सीमा के भीतर है और इसके लिए उन्हें किसी तरह का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 03, 2021 19:34 IST
 Raj Kundra and Shilpa Shetty gets relief, Sebi disposes of disclosure lapses case against him  - India TV Paisa
Photo:RAJKUNDRA@TWITTER

 Raj Kundra and Shilpa Shetty gets relief, Sebi disposes of disclosure lapses case against him 

नई दिल्‍ली। पोर्नोग्राफी मामले में फंसे कारोबार राज कुंद्रा और उनकी अभिनेत्री पत्‍नी शिल्‍पा शेट्टी को मंगलवार को एक बड़ी राहत मिली है। बाजार नियामक सेबी ने कथित रूप से प्रकटीकरण चूक से संबंधित एक मामले में शिल्पा शेट्टी कुंद्रा और राज कुंद्रा के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही का निपटारा किया है। सेबी ने 30 जुलाई को जारी अपने आदेश में कहा कि नोटिस पाने वालों (दोनों) की शेयरधारिता में बदलाव के लिए उनके द्वारा एसएएसटी विनियमों के तहत किसी खुलासे की जरूरत नहीं थी और कारण बताओ नोटिस (एससीएन) में लगाया गया यह आरोप कि उन्होंने एसएएसटी विनियमों का उल्लंघन किया, कार्यवाही योग्‍य नहीं है।

इससे पहले सेबी ने वियान इंडस्ट्रीज लिमिटेड, शिल्पा शेट्टी कुंद्रा तथा रिपू सूदन कुंद्रा (राज कुंद्रा) पर प्रकटीकरण चूक और भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया था। उन पर कुल मिलाकर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। शिल्पा और रिपू सूदन वियान इंडस्ट्रीज के प्रवर्तक हैं। वियान इंडस्ट्रीज ने अक्टूबर, 2015 में चार लोगों को पांच लाख शेयरों का तरजीही आवंटन किया था। इसके अलावा रिपू और शिल्पा को 2.57 करोड़ रुपये (प्रत्येक) के 1,28,800 (प्रत्येक) शेयरों का आवंटन किया गया था। 

सेबी ने वियान इंडस्‍ट्रीज (पूर्व नाम हिंदुस्‍तान सेफ्टी ग्‍लास इंडस्‍ट्रीज लि‍.) के शेयरों में सितंबर, 2013 से दिसंबर, 2015 के दौरान हुए लेनदेन की जांच की थी। शिल्‍पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने मार्च 2015 में कंपनी में 25.75 प्रतिशत हिस्‍सेदारी का अधिग्रहण कर वियान इंडस्‍ट्रीज के प्रवर्तक बने थे। जांच में आगे पाया गया कि अक्‍टूबर 2015 में कंपनी ने 5 लाख इक्विटी शेयरों को तरजीह आवंटन के माध्‍यम से जारी किया। ये शेयर चार लोगों को जारी किए गए, जिनमें शिल्‍पा और राज दोनों को अलग-अलग 1,28,800 शेयर दिए गए।

शेयरों के आवंटन के मद्देनजर यह आरोप लगाया गया कि कंपनी में शिल्‍पा व राज की हिस्‍सेदारी में बदलाव हुआ और इसके लिए उन्‍हें इसके बारे में स्‍टॉक एक्‍सचेंज, बीएसई और एसएएसटी नियमों के तहत कंपनी को जानकारी देनी चाहिए थी। हालांकि तथाकथित रूप से वे ऐसा करने में असफल रहे।

सेबी ने अपनी जांच में पाया कि शिल्‍पा और राज की संयुक्‍त हिस्‍सेदारी तरजीह आवंटन के बाद केवल 0.02 प्रतिशत बदली है और इसे व्‍यक्तिगत आधार पर देखा जाए तो शिल्‍पा और राज दोनों की हिस्‍सेदारी में 0.01 प्रतिशत का बदलाव आया है। इसलिए तरजीह आवंटन के बाद उनकी हिस्‍सेदारी में यह बदलाव नियमों के तहत तय सीमा के भीतर है और इसके लिए उन्‍हें किसी तरह का खुलासा करने की आवश्‍यकता नहीं है।  

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