नई दिल्ली। गेहूं, सरसों और चना समेत रबी फसलों की बुवाई पूरे भारत में तेज हो गई है और मौसम अनुकूल होने से देश के विभिन्न हिस्सों में रबी फसलों की बुवाई आने वाले दिनों में और जोर पकड़ेगी। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि इस सीजन में जहां कहीं भी बारिश हुई है वहां पहले बुवाई हो चुकी रबी फसलों को तो फायदा होगा ही, जहां अभी बुवाई नहीं हुई है वहां खेतों में नमी हो जाने से बुवाई आसान हो जाएगी।
मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान में गेहूं, सरसों, चना व अन्य फसलों की बुवाई काफी पहले ही शुरू हो चुकी थी और कहीं-कहीं बुवाई समाप्त भी हो चुकी है, जबकि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में इस समय गेहूं की बुवाई तेज हो चुकी है। कृषि विशेषज्ञों और किसानों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में गेहूं की बुवाई करीब 50 फीसदी से ज्यादा पूरी हो गई है, जबकि पंजाब में किसानों ने 30 से 40 फीसदी गेहूं की बुवाई कर ली है। विशेषज्ञ बताते हैं देश में मुख्य रूप से गेहूं की बुवाई 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच होती है, जबकि गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में बुवाई थोड़ी जल्दी शुरू हो जाती है। मध्य प्रदेश के इंदौर जिला में गेहूं की बुवाई अंतिम चरण है और किसानों ने इस बार गेहूं के बदले कुछ भूमि में आलू और लहसुन की खेती की है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी रबी फसलों के आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी बुवाई सीजन में छह नवंबर तक देशभर में गेहूं की बुवाई 16.94 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी, जोकि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 74.27 फीसदी अधिक है। वहीं, चना का रकबा पिछले साल से 43.59 फीसदी बढ़कर 15.10 लाख हेक्टेयर हो गया था। वहीं, दलहनी फसलों का रकबा पिछले साल से 11.64 लाख हेक्टेयर बढ़कर 36.43 लाख हेक्टेयर हो गया था।