नई दिल्ली। तमिलनाडु में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश इतना भयावह रूप ले लेगी, किसी को भी इसका अंदाजा नहीं था। भारी बारिश ने न केवल सामान्य जन जीवन प्रभावित किया है, बल्कि देश की ऑटोमोबाइल और आईटी इंडस्ट्री को भी ठप कर दिया है। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट और अन्य कई छोटे-बड़े बिजनेस भी पूरी तरह बंद पड़े हैं। चेन्नई ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का हब है। यहां फोर्ड, हुंडई, निसान, यामाहा, बीएमडल्ब्यू, मर्सिडीज, फॉक्सवैगन, रेनॉल्ट, टीवीएस और रॉयल एनफील्ड जैसी कंपनियों को अपना प्रोडक्शन बंद करना पड़ा है। करीब ढाई से तीन लाख ट्रक चेन्नई और इसके आसपास इलाकों में पानी में फंसे पड़े हैं। अभी हालात सुधरने में काफी वक्त लगेगा, ऐसे में नई कार के लिए इंतजार अब और ज्यादा करना होगा।
ट्रांसपोर्ट बिजनेस ठप
इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग (IFTRT) के संयोजक एसपी सिंह के मुताबिक चेन्नई और इसके आसपास के इलाकों में करीब 2 लाख लोकल परमिट वाले ट्रक हैं, जोकि इंटर सिटी और इंटर स्टेट में कारोबार करते हैं। वहीं, करीब 50 से 75 हजार ट्रक नेशनल परमिट वाले हैं। कुल मिलाकर इस वक्त 3 लाख ट्रक जस के तस खड़े हुए हैं।
नई कारों के लिए बढ़ा इंतजार
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रेसिडेंट भीम सिंह वधवा के मुताबिक ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो चुकी है। ऑटो कंपनियों ने दो से तीन दिन के लिए अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बंद कर दिए हैं। इसकी वजह से प्रोडक्शन यार्ड और रोड पर नई गाडि़यां फंस गई हैं। सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के डीजी विष्णु माथुर बताते हैं कि इस बारिश का निश्चित तौर पर दिसंबर में नई कारों की डिलिवरी पर असर पड़ेगा। अनुमान के मुताबिक कारों का वेटिंग पीरियड 35 से 40 दिन बढ़ जाएगा।
एविएशन इंडस्ट्री को 2000 करोड़ की चपत
चेन्नई एयरपोर्ट पर पानी भर जाने से पिछले कई दिनों से यहां ऑपरेशन पूरी तरह से बंद है। पानी भर जाने की वजह से 37 एयरक्राफ्ट को नुकसान पहुंचा है। चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हर दिन करीब 60 हजार यात्री आते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक बारिश की वजह से एविएशन कंपनियों को तकरीबन 2000 करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है।
इंडस्ट्री को 15,000 करोड़ रुपए का नुकसान
उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि बाढ़ से संभवत: 15,000 करोड़ रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ है। चेन्नई एक बड़ा इंडस्ट्रियल हब है। देश की ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री का 25 फीसदी रेवेन्यू चेन्नई और उसके आसापास के क्षेत्रों से आता है। ऑटोमोबाइल के अलावा आईटी और टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए भी चेन्नई अहम है।