नई दिल्ली। पिछले साल की तरह इस साल भी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि फसलों पर कहर बन के बरसी है। इसके कारण पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र की स्थिति पर नजदीकी नजर है। कृषि सचिव शोभना के पटनायक ने कहा, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। कुछ क्षेत्रों में तेज हवा और बारिश से गेहूं की खड़ी फसल बैठ गई है।
गेहूं और सब्जियों को नुकसान
शोभना के पटनायक ने कहा कि अभी तक सरसों और चने की फसल को नुकसान की खबर नहीं है। पटनायक ने कहा कि गेहूं और रबी की अन्य फसल को हुए नुकसान का आकलन राज्य सरकारें कर रही हैं। अभी उन्होंने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। मौसम विभाग ने इस सप्ताह और बारिश का अनुमान लगाया है। सचिव ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों को फसल के बारे में सलाह तीन दिन पहले जारी कर दी है। केंद्र की स्थिति पर निगाह है। यह पूछे जाने पर कि क्या इससे बागवानी फसलों को कुछ नुकसान हुआ है, पटनायक ने कहा कि पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में बारिश की वजह से आम की फसल को कुछ नुकसान हुआ है, इस सप्ताह ऐसा नहीं हुआ।
देरी से बुवाई वाली फसलों को होगा लाभ
पटनायक ने कहा कि मौजूदा बारिश से देरी से बुवाई वाली फसलों को लाभ होगा, लेकिन हवा व ओलावृष्टि नहीं होनी चाहिए। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक (फसल) जे एस संधू ने सरसों की फसल के बारे में कहा कि अभी चिंता की कोई वजह नहीं है, क्योंकि 60 से 70 फीसदी फसल की कटाई हो चुकी है। गेहूं के संदर्भ में मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में कटाई अभी शुरू हुई है।