नई दिल्ली। भारतीय रेलवे के ऐसे 13,000 से अधिक कर्मचारियों की सेवाएं जल्द ही समाप्त की जा सकती हैं, जो अनाधिकृत रूप से छुट्टी पर हैं। रेलवे ने 13,521 कर्मचारियों की पहचान की है, जो लंबे समय से ‘अनाधिकृत’ रूप से अनुपस्थित चल रहे हैं। इन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने की अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।
रेल मंत्री पियूष गोयल ने वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न रेल इकाइयों में लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे कर्मचारियों की पहचान करने का निर्देश दिया था। इस निर्देश के बाद ग्रुप सी और डी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।
इस पहचान अभियान के तहत 13 लाख कर्मचारियों में से 13,521 को अपने काम से लंबे समय से बिना किसी अधिकार के अनुपस्थित पाया गया। रेलवे ने अपने एक बयान में कहा है कि मंत्रालय ने संगठन का प्रदर्शन बेहतर करने और निष्ठावान व मेहनती कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए एक अभियान शुरू किया था। यह कार्रवाई इसी अभियान का हिस्सा है।
इसके अनुसार, रेलवे के विभिन्न प्रतिष्ठानों में लंबे समय से अनुपस्थित कर्मचारियों की पहचान करने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के परिणाम में रेलवे ने अपने लगभग 13 लाख कर्मचारियों में से 13 हजार से भी अधिक ऐसे कर्मचारियों की पहचान की है, जो लंबे समय से अनाधिकृत तौर पर अनुपस्थित हैं।
इसके अनुसार रेलवे ने इन अनुपस्थित कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के लिए नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। रेलवे ने सभी अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को उचित प्रक्रिया पर अमल के बाद कर्मचारियों की सूची से इनका नाम हटाने का निर्देश दिया है। यह पद खाली होने के बाद जरूरत अनुसार नई भर्तियां शुरू की जाएंगी।