नई दिल्ली। अपने ऊर्जा खर्च को कम करने के लिए रेलवे सीधे कच्चे तेल का आयात करेगी और बिजली के लिए बिजली एक्सचेंज अथवा जनरेटर कंपनियों से बिजली खरीदेगी।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डीजल खरीद नीति की समीक्षा करने के बाद सीधे कच्चा तेल आयात करने और इसे यहां तेल रिफाइनिंग कंपनियों के यहां शोधित कराने का निर्णय किया गया है। बड़े सुधार अभियान के तहत रेलवे ने वैकल्पिक खरीद रणनीति और बाजार आधारित कीमतों पर डीजल खरीद के लिए एक सलाहकार की पहचान करने के लिए निविदा भी जारी की है।
जनरल टिकट काउंटर से भी खरीद सकेंगे स्लीपर टिकट, पर सीट नहीं कोई गारंटी
भारतीय रेल सालाना 2.8 अरब लीटर डीजल की खपत करता है और इसके लिए उसे 18,000 करोड़ रुपए अदा करने होते हैं। यह उसके कामकाजी खर्च का 18 फीसदी है। अधिकारी का दावा है कि इस नई व्यवस्था से रेलवे को ईंधन बिल में 10 फीसदी की बचत हो सकती है।
बिजली के मामले में रेलवे ने प्रतिस्पर्धी बोली के जरिये बिजली खरीदने का प्रस्ताव किया है। रेल बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा था कि रेलवे अपनी बिजली खरीद लागत में कमी लाएगी और जनरेटिंग कंपनियों, बिजली एक्सचेंज और द्विपक्षीय समझौतों के जरिये प्रतिस्पर्धी दरों पर बिजली खरीदेगी।