नई दिल्ल। इंडियन रेलवे यात्रियों के सफर को सुगम और बेहतर बनाने के लिए एक नई एप लाने जा रही है। इसके जरिए यात्री टिकट बुकिंग, टैक्सी और कुली हायरिंग, टूर पैकेज बुक करना, खाना ऑर्डर करने जैसे 17 काम आसानी से कर सकेंगे। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को रेलवे का 2017-18 का बिजनेस प्लान लॉन्च किया, जिसे मिनी रेल बजट के तौर पर देखा जा रहा है। इसी दौरान उन्होंने इस नए ऐप का ऐलान किया और बताया कि यह ऐप इस साल मई में शुरू किया जाएगा।
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जल्द लॉन्च होगी नई एप
- इस प्रोजेक्ट से जुड़े रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक टिकट, टैक्सी, ई-कैटरिंग और अन्य सेवाओं के लिए कई मोबाइल ऐप उपलब्ध हैं, लेकिन अब यह नया इंटीग्रेटेड रेल ऐप यात्रा से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करेगा।
कुछ सेकेंड्स में दूरी होंगी ये 17 मुश्किलें
- इस ऐप के जरिये आप ट्रेन रनिंग स्टेटस, ट्रेन का टाइम, PNR स्टेटस, स्टेशनों के बीच चलने वाली ट्रेनों की डिटेल, ट्रेन रूट जैसी जानकारियां, बस टिकट, ट्रेवल स्टोर, रेलवे से जुड़ी खबरें, और गूगल मैप के जरिये लाइव ट्रेन स्टेटस, खाने की बुकिंग, कोच में सीट की पोजिशन जैसी जानकारी हासिल कर सकेंगे।
रेलमंत्री ने किए ये नए एलान
- कैशलेस टिकट रिजर्वेशन को बढ़ावा देने के लिए मई महीने में एकीकृत मोबाइल एप भी लॉन्च की जाएगी।
- आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए एक बार आधार नंबर की जरूरत होगी।
- इस कदम का उद्देश्य दलालों द्वारा फर्जी पहचान के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराने की संभावना को खत्म करना है।
- एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने बताया कि रेलवे इसके लिए एक सॉफ्टवेयर भी तैयार कर रहा है।
- नए बिजनेस प्लान के मुताबिक रेलवे नई पर्यटक रेलगाड़ियां शुरू करने पर विचार कर रहा है जो हिल स्टेशनों को जोड़ेंगी।
- रेलवे लोगों की यात्रा को सहज और सरल बनाने की दिशा में काम करते हुए एक समग्र मोबाइल एप भी शुरू करेगा।
- इसके जरिये टिकट और टैक्सी बुक करने से लेकर यात्रा से जुड़ी अन्य सुविधाओं का भी लाभ उठाया जा सकेगा।
फ्रेट कस्टमर्स को दिया जाएगा डिस्काउंट
- रेलवे ने अपने एक्शन प्लान में फ्रेट कस्टमर्स को डिस्काउंट देने की भी बात कही है।
- इसके तहत 1.5 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक डिस्काउंट दिया जाएगा।
- इस डिस्काउंट के जरिये रेलवे फ्रेट बिजनेस में दोबारा अपना वर्चस्व कायम करना चाहती है।
- योजना के तहत डिस्काउंट पाने वाले कस्टमर्स को प्रति वर्ष न्यूनतम 10 लाख टन माल ढुलाई सुनिश्चित करनी होगी।