नई दिल्ली। रियल टाइम ट्रेन इंफोर्मेशन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 2700 से ज्यादा इलेक्ट्रिक इंजन में जीपीएस उपकरण लगाने की योजना बनाई है। बुधवार को संसद में रेल राज्य मंत्री राजेन गोहेन ने बताया कि इंजन में जीपीएस सिस्टम लगाने का यह काम दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाएगा।
लोकसभा में एक लिखित उत्तर में गोहेन ने कहा कि रेल मंत्रालय इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) के साथ मिलकर रियल टाइम ट्रेन इंफोर्मेशन सिस्टम (आरटीआईएस) को लागू कर रहा है, जिसमें इंजन में जीपीएस/गगन (जीपीएस आधारित जियो ऑगमेंटेड नेवीगेशन सिस्टम) आधारित उपकरण के जरिये ट्रेन को ट्रैक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में आरटीआईएस प्रोजेक्ट के तहत तकरीबन 2700 इलेक्ट्रिक इंजन में जीपीएस उपकरण लगाए जाएंगे। यह पहला चरण दिसंबर 2018 तक पूरा किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि शेष बचे इंजनों में चरणबद्ध ढंग से जीपीएस उपकरण फिट किए जाएंगे।
रेलवे के मुताबिक इस सिस्टम को नई दिल्ली-गुवाहाटी और नई दिल्ली-मुंबई राजधानी ट्रेन पर छह इलेक्ट्रिक इंजन में लगाकर परीक्षण किया गया है, जो कि सफल रहा है। मंत्री ने कहा कि यह एक विश्वसनीय और उच्च स्तरीय प्रोजेक्ट है, जिसमें ट्रेनों के आने और जाने के 99.3 प्रतिशत रियल टाइम रिपोर्टिंग को सही पाया गया है। यह आरटीआईएस की आवश्यकता को पूरा करता है।