नई दिल्ली। लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार से देशवासियों को हमसफर ट्रेन के जरिए शाही सफर करने का मौका मिलेगा। रेलवे की पहली हमसफर ट्रेन आनंद नगर से गोरखपुर के बीच शुरू हो रही है। इस ट्रेन में कई फैसेलिटीज है, लेकिन किराया भी दूसरी ट्रेनों से ज्यादा है। इन ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू होगा, यानी जैसे-जैसे सीटें कम बचेंगी किराया बढ़ता जाएगा। इस ट्रेन में सभी कोच AC-3 होंगे।
तस्वीरों में देखिए कैसी होती हैं प्रीमियम ट्रेन
Luxury train in india
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कितना है किराया
- हमसफर ट्रेन में दूसरी ट्रेनों के AC-3 कोचों से फैसेलिटी ज्यादा हैं, इसी वजह से इस ट्रेन में नॉर्मल मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के AC-3 कोचों से ज्यादा बेस फेयर देना होगा।
- एक सीनियर रेलवे अफसर ने कहा, नॉर्मल AC कोचों की तुलना में माडर्न फैसेलिटी वाले इन कोचों की निर्माण लागत ज्यादा है। ऐसे में स्पेशल फेयर्स रखे गए हैं।
- एविएशन सेक्टर की तरह रेलवे ने भी कई ट्रेन में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की शुरूआत की है।
- इस सिस्टम में जैसे-जैसे ट्रेनों में सीटें भरती जाती हैं, उसके किराए में उतनी ज्यादा बढ़ोतरी होती जाती है।
- जैसे- अभी शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली से कानपुर जाने में चेयरकार में 580 रुपए बेस प्राइस के हिसाब से 785 रुपए कुल किराया चुकाना पड़ता है।
- लेकिन फ्लेक्सी प्राइसिंग सिस्टम से 10% सीटें बुक होने के बाद यह किराया 580 का 10% यानी 58 रुपए बढ़ जाता है।
- हर 10% सीटें बुक होने पर यह किराया बढ़ता जाता है। हालांकि इसकी एक टॉप लिमिट रहती है।
कहां से कहां तक चलेगी ये ट्रेन
- रेलवे मिनिस्टर सुरेश प्रभु गोरखपुर से आनंद विहार के बीच चलने वाली पहली हमसफर ट्रेन को यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाएंगे।
- इस साल के रेल बजट में ऐसी 7 ट्रेनें चलाने का एलान किया गया था।
ट्रेन में है हवाई जहाज जैसी व्यवस्था
- ट्रेन लगेज के लिए भी हवाई जहाज की तरह व्यवस्था की गई है।
- इसके ब्रेकिंग सिस्टम में तीन तरह के बदलाव किए गए हैं।
- इससे ज्यादा स्पीड होने के बावजूद यह निर्धारित व अति आवश्यक दायरे में रुक सकेगी।
- सफर के दौरान यदि किसी यात्री ने धूमपान किया तो कोच में सायरन खुद बज उठेगा।
- ऑटोमेटिक परफ्यूम स्प्रे सफर को सुगंधमय बनाए रखेगा।
कोच में है स्पेशल ब्रेकिंग सिस्टम
- इसमें अन्य ट्रेनों की तरह हाइ स्पीड ट्रेन का सिग्नल डिस्टेंस एक समान रहेगा लेकिन इसके कोच के ब्रेक सिस्टम पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- इसमें अब स्टेनलैस स्टील डिस्क ब्रेक, धातु पैड और इलेक्ट्रो न्यूमेटिक युक्त ब्रेक सिस्टम होगा।
- चीते से भी दोगुनी स्पीड से दौड़ने वाली इस ट्रेन के डिब्बों को रंग भी चीते वाला ही दिया जा रहा है।
एक कोच में 72 सीटें, होंगे ऑटोमेेटिक दारवाजे
- राजधानी व शताब्दी के एलएचबी कोचों में आम तौर पर 64 सीटें होती हैं लेकिन हमसफर के यात्रियों के लिए 72 सीटें होंगी।
- प्लग टाइप इन डिब्बों के दरवाजे मेट्रो रेल की तरह पूरी तरह ऑटोमेेटिक होंगे।
- पांच किलोमीटर की स्पीड पकड़ते ही यह खुद-ब-खुद बंद हो जाएंगे।
ट्रेन में मिलेंगी ये भी सुविधाएं
- कोचों में जीपीएस आधारित पैसेंजर इनफार्मेशन डिस्प्ले सिस्टम लगा हुआ है।
- पैसेंजर्स अनाउंसमेंट सिस्टम के तहत यात्रियों को उनके स्टेशन के बारे में जानकारी मिलती रहेगी।
- मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग प्वाइंट्स की भी व्यवस्था की गई है।
- साइड बर्थ पर भी यह सुविधा मिलेगी।
- ब्लाइंड्स की सुविधा के लिए इंटीग्रेटेड ब्रेल डिस्प्ले भी लगा है।
- इस ट्रेन में दो पावरकार कम लगेज बैग आगे और पीछे लगेंगे।
- बाथरूम स्टेनलेस स्टील के और ओडर फ्लैशिंग टेक्नोलॉजी पर बने हैं। इसमें ये बदबू नहीं आएगी।
- पावर कार में स्पेशल फायर फाइटिंग सिस्टम नाइट्रोजन बेस्ड है।
- ट्रेन की स्पीड 100 से 110 किमी प्रति घंटे की रखी जाएगी।
ढाई करोड़ रुपए का एक कोच
- एक कोच पर करीब 2.50 करोड़ रुपये की लागत आई है जबकि आम तौर पर चलने वाले थ्री टायर एसी कोच की लागत सवा करोड़ होती है। इस ट्रेन में डिस्क ब्रेक लगी होगी।
- सीबीसी जर्क फ्री होने की वजह से झटके भी नहीं लगेंगे।
- स्वच्छता के मद्देनजर कोचों में डस्टबिन भी होंगे।
- हवाई जहाज की तरह इस ट्रेन में भी वैक्यूम टायलेट की व्यवस्था है।
- टायलेट में आधुनिक सेंसर वाटर टैप, हैंड ड्रायर सोप डिस्पेंसर लगा है।
- वाईफाई की व्यवस्था के साथ कोच को साउंड प्रूफ बनाया गया है।