नई दिल्ली। रेलवे माल ढुलाई को आकर्षक और व्यवहारिक बनाने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। भारतीय रेलवे माल भाड़े से अपनी कमाई बढ़ाने के लिए लंबी दूरी के वस्तुओं के परिवहन पर कुछ छूट, देरी से डिलिवरी पर कैशबैक जैसी अनूठी पेशकश पर विचार कर रही है। लॉकडाउन के दौरान माल भाड़ा कमाई में 8,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान उठाने के बाद रेलवे अब अपनी कमाई बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार रेलवे की माल ढुलाई से कमाई में इस साल अप्रैल-मई के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 8,283 रुपए की गिरावट आई है। यह बताता है कि कोरोना वायरस संकट के बीच रेलवे के लिए कमाई के लिहाज से यह वर्ष नरम रह सकता है।
माल ढुलाई को आकर्षक बनाने पर विचार
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की इसमें रेलवे के माध्यम से वस्तुओं की ढुलाई को और व्यवहारिक तथा आकर्षक बनाने के लिये उपायों पर विचार किया गया। उन्होंने रेल मंडलों को रेलवे से सामान की ढुलाई को लेकर स्थानीय कारोबारियों और माल आपूर्तिकर्ताओं तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्हें यथासंभव निर्धारित पार्सल ट्रेन चलाने का निर्देश भी दिया।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि क्या हम अपने ग्राहकों को देरी से सामान की डिलिवरी पर छूट या कैशबैक दे सकते हैं, जैसा हम तेजस एक्सप्रेस ट्रेन में कर रहे हैं। साथ ही लंबी दूरी के लिए माल ढुलाई पर रियायती दरों की पेशकश पर भी विचार किया गया।
रेल मंडल बनाएंगे कार्य योजना
आईआरसीटीसी द्वारा संचालित तेजस एक्सप्रेस ट्रेन के देरी से पहुंचने पर क्षतिपूर्ति की पेशकश की जाती है। अधिकारी के अनुसार इस बात पर भी चर्चा हुई कि विभिन्न रेल मंडल, कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया से समन्वय कर एक कार्य योजना तैयार करें ताकि ओडिशा में कोयला खानों से सीधे ईंधन देश के दक्षिण भागों में स्थित बिजली संयंत्रों को पहुंचाया जा सके।