नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने सोमवार को कहा कि उसने घरेलू निर्माताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए सेमी-हाई स्पीड ट्रेन सेट बनाने के लिए नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित की हैं। यह कदम 44 वंदे भारत ट्रेन सेटों के निर्माण के टेंडर को रद्द करने के लगभग एक महीने बाद सामने आया है। सरकार घरेलू निर्माताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया परियोजना को बढ़ावा देना चाहती है।
रेलवे मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने सेमी हाई स्पीड 44 वंदे भारत ट्रेनों के संशोधित टेंडर मंगवाए हैं, जिसके लिए 29 सितंबर को निविदा पूर्व बैठक (प्री बिड मीटिंग) होगी। मंत्रालय ने कहा कि टेंडर 17 नवंबर, 2020 को खुलेगा। रेल मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन सेट आईसीएफ/चेन्नई, आरसीएफ/कपूरथला और एमसीएफ/रायबरेली में निर्मित किए जाएंगे। यह स्थानीय (स्वदेशी) निविदा और दो चरणों में होगी। नए टेंडर के मुताबिक इसमें सिर्फ वहीं कंपनियां हिस्सा लेंगी जो भारत में रजिस्टर हैं।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि निविदा को तीन चरणों में विभाजित किया गया है। जिसमें प्रपल्शन, कंट्रोल और अन्य उपकरण हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के संशोधित डीपीआईआईटी मानदंडों के तहत पहला बड़ा टेंडर है। इसमें स्थानीय सामग्री का अनुपात न्यूनतम 75 फीसदी होगा। इससे पहले रेलवे ने 22 अगस्त को 44 सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की निविदा रद्द कर दी थी, जो पिछले साल आमंत्रित की गई थी। एक बयान के मुताबिक नया टेंडर भारत सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी के अनुसार ही है।
इस महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट में 44 ट्रेन का निर्माण किया जाएगा जिसमें हर ट्रेन में 16 कोच होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली और वाराणसी के बीच पहली वंदे भारत ट्रेन को फरवरी 2019 में हरी झंडी दिखाई थी। वहीं उसी साल अक्टूबर में दूसरी वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली से माता वैष्णों देवी कटरा के बीच शुरू की गई। 29 सितंबर को निविदा पूर्व बैठक (प्री बिड मीटिंग) होगी, टेंडर 17 नवंबर, 2020 को खुलेगा।