नई दिल्ली। जल्द ही देश के 109 जगहों के बीच वर्ल्ड क्लास सुविधाओं वाली पैसेंजर ट्रेन चलने लगेंगी। सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। इन ट्रेन को निजी क्षेत्र की मदद से चलाने का प्रस्ताव है। सरकार ने इसके लिए निजी कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं। योजना के मुताबिक 109 जगहों को जोड़ने वाले रूट्स पर 151 आधुनिक ट्रेन चलाई जाएंगी। भारतीय रेलवे के मुताबिक इस योजना के तहत निजी क्षेत्र से करीब 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश मिलने का अनुमान है। ऐसा पहली बार होगा जब भारतीय रेल के इंफ्रास्ट्रक्चर पर निजी क्षेत्र के निवेश से पैसेंजर गाड़िया चलाई जाएंगी।
योजना के मुताबिक इन ट्रेन को हाई या सेमी हाई स्पीड ट्रेन की तरह चलाया जाएगा। ये ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगी। जिससे की यात्रियों के वक्त में काफी बचत की जा सके और लोगों को हवाई यात्रा का बेहतर विकल्प मिल सके। इसके साथ ही लोगों को बेहतर सुरक्षा और विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ बेहतर यात्रा का अनुभव भी कराया जा सके। रेलवे विभाग के मुताबिक ये ट्रेन निजी क्षेत्र की होंगी हालांकि ट्रेन का मुख्य संचालन यानि ड्राइवर और गार्ड भारतीय रेलवे के होंगे। निजी क्षेत्र की जिम्मेदारी मुख्य रूप से सुविधाओं की होगी। इन ट्रेनों में रेल यात्रा से जुड़े सबसे आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा। रेल यात्रा का किराया निजी क्षेत्र के साथ मिलकर तय किया जाएगा।
भारतीय रेलवे काफी समय से आधुनिकीकरण के लिए फंड की कमी से जूझ रही है। सस्ती होने की वजह से भारतीय रेलवे आम लोगों के आवागमन का मुख्य साधन है, हालांकि लाखों लोगों को सेवा देने के बावजूद रेलवे की आय पर दबाव बना हुआ है, इसी वजह से सुविधाओं से लेकर सुरक्षा से जुड़े कई प्रोजेक्ट पर काम सुस्त है। फंड की कमी से निपटने के लिए ही सरकार ने रेलवे में निजी क्षेत्र को शामिल करने का फैसला लिया है जिसमें निजी क्षेत्र रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर आधुनिक सेवाओं से युक्त रेलगाड़िया चला सकेगा। इसमें किराये की दर तय करने में निजी क्षेत्र को काफी छूट होगी वहीं रेलवे को भी इन रूट्स पर बेहतर आय मिल सकेगी।