नई दिल्ली: रेलवे ने बताया है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद पहली बार उसकी संचयी मालभाड़ा आय पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले अधिक हो गई है। रेलवे ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल से फरवरी के दौरान उसकी संचयी मालभाड़ा आय 98,068.45 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 97,342.14 करोड़ रुपये थी। रेलवे के मुताबिक फरवरी 2021 के पहले 12 दिनों में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अनुमानों के मुताबिक फरवरी के 12 दिनों में मालभाड़ा आय 4,571 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी अवधि में 4,365 करोड़ रुपये थी।
रेलवे ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल लदान भी करीब आठ प्रतिशत अधिक है। बयान में कहा गया, ‘‘उल्लेखनीय है कि मालभाड़ा लदान के आंकड़े पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले अगस्त 2020 से अधिक रहे हैं। कोविड लॉकडाउन के बाद पहली बार है कि मालभाड़ा आय पिछले वर्ष के समान महीने के मुकाबले रहने का अनुमान है।’’
जनवरी में रेलवे ने की माल की रिकॉर्ड ढुलाई
भारतीय रेलवे ने जनवरी 2021 में 11.979 करोड़ टन माल ढुलाई की। यह अब तक किसी एक महीने माल ढुलाई का सर्वाधिक आंकड़ा है। इससे पहले रेलवे ने मार्च 2019 में 11.974 करोड़ टन माल की ढुलाई का रिकॉर्ड बनाया था। रेल मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी थी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि पिछले कुछ महीनों से भारतीय रेलवे की माल ढुलाई के आंकड़े साल भर पहले के समान महीने के आंकड़े को पार कर रहे हैं।
ऐसे में इस साल की कुल ढुलाई पिछले साल से अधिक रहने की संभावना है। आठ फरवरी तक के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रेलवे ने 3.054 करोड़ टन माल ढुलाई की, जिसमें 1.361 करोड़ टन कोयला, 41.5 लाख टन लौह अयस्क, 10.4 लाख टन खाद्यान्न, 10.3 लाख टन उर्वरक, 9.6 लाख टन खनिज तेल और 19.7 लाख टन सीमेंट (क्लिंकर छोड़कर) शामिल है। बयान में कहा गया, ‘‘ उल्लेखनीय है कि रेलवे की माल ढुलाई को आकर्षक बनाने के लिये कई रियायतें और छूटें दी जा रही हैं।
कोविड-19 महामारी का उपयोग भारतीय रेलवे द्वारा अपनी सर्वांगीण क्षमता और प्रदर्शन में सुधार करने के अवसर के रूप में किया गया है। इसके अलावा, नये व्यवसाय को आकर्षित करने और अन्य मौजूदा ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिये रेल मंत्रालय ने लोहा और इस्पात, सीमेंट, बिजली, कोयला, ऑटोमोबाइल और रसद सेवा प्रदाताओं के साथ बैठकें की हैं।’’ इसमें कहा गया कि क्षेत्रीय और संभागीय स्तर पर व्यापार विकास इकाइयां और मालवहन की गति में करीब दोगुनी बढ़ोतरी से माल ढुलाई में तेजी आ रही है।
रेलवे के माल ढुलाई खंड में यह वृद्धि ऐसे समय आयी है, जब यात्री खंड कोविड-19 महामारी के असर से उबरने के लिये संघर्ष कर रहा है। महामारी के चलते अभी भी रेलवे की नियमित यात्री सेवाएं बाधित हैं और सिर्फ विशेष ट्रेनों का ही परिचालन हो पा रहा है। हालांकि ताजे आंकड़े माल ढुलाई के साथ ही यात्री खंड में भी कुछ सुधार के संकेत दे रहे हैं। फरवरी 2021 में अब तक साल भर पहले की तुलना में आरक्षित श्रेणी वाले यात्रियों की संख्या में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि माल ढुलाई में नौ प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।