नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन ने शुक्रवार को कहा कि विदेशी निवेशक भारत में ‘गोमांस पर प्रतिबंध’, ‘लव जिहाद’ और ‘घर वापसी’ जैसे भावनात्मक मुद्दों पर ‘शोरगुल वाली राजनीति’ के अभ्यस्त हो गए हैं।
विदेशी निवेशकों को नहीं लगता है अब डर
उन्होंने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था, राजनीति शोरगुल वाली है। किस न किसी विषय पर टीवी पर हमेशा बहस होती रहती है। लेकिन अगर आप सेंसेक्स को देखें, यह बहुत अच्छा कर रहा है। मुझे लगता है कि बाजार इन शोरगुल पर ध्यान नहीं देता।’ एक टीवी को दिए इंटरव्यु में उन्होंने कहा, ‘निवेशक राजनीतिक चर्चाओं के बीच चीजों को देखने को लेकर अभ्यस्त हैं।’
4 सितंबर को खत्म हो रहा है राजन का कार्यकाल
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। उनकी जगह अब आरबीआई के नए गवर्नर उर्जित पटेल लेंगे। राजन ने अपने तीन साल के कार्यकाल में कई ऐसे काम किए हैं, जिसकी वजह से खुद राजन के अलावा सरकार में बैठे कुछ लोग, कॉरपोरेट और इकोनॉमिस्ट चाह रहे थे, कि उन्हें दूसरा कार्यकाल मिले। इस मसले पर राजन ने ही खुलासा करते हुए कहा कि उनकी मोदी सरकार के साथ ट्यूनिंग नहीं बन पाई। जिस कारण उन्होंने दूसरे कार्यकाल के लिए बात आगे बढ़ाना जरूरी नहीं समझा।
राजन की प्रमुख उपलब्धियां
महंगाई पर लगाया अंकुश
2013 में जब रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाला था तो उस समय महंगाई की दर 10.70 फीसदी थी। और अब उनके कार्यकाल के आखिरी दिनों में महंगाई की दर 6 फीसदी के करीब है।
डॉलर के मुकाबले रुपया हुआ मजबूत
2013 में रुपया डॉलर के मुकाबले गिरावट का रोज नया रिकॉर्ड बना रहा था। वैश्विक निवेशकों का अर्थव्यवस्था में विश्वास बेहद कमजोर हो गया था। राजन ने नीतिगत स्तर पर पहल करके लंबी अवधि में रुपये की गिरावट पर लगाई और उसके बाद से अब तक रुपया 1.12 फीसदी मजबूत हो चुका है।
बैंक लाइसेंस में बड़े कॉरपोरेट को नो एंट्री
राजन की अगुवाई में दो बैंकों बंधन बैंक और आईडीएफसी बैंक को लाइसेंस मिला है। इसके अलावा उनकी अगुवाई में स्माल बैंक और पेमेंट बैंक के लिए भी लाइसेंस जारी किए गए हैं। राजन ने स्माल बैंक और पेमेंट बैंक के लिए लाइसेंस की गाइडलाइंस तय करते समय यह ध्यान रखा कि बड़े कॉरपोरेट इस का फायदा न उठा सकें और छोटे प्लेयर को मौका मिले। इसके अलावा ऑन डिमांड बैंकिंग सिस्टम को भी डेवलप किया।