हैदराबाद। फाइनेंशियल इन्क्लूजन पर जोर देते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि केंद्रीय बैंक संस्थानों के लिए सभी को बैंकिंग सेवाएं सुलभ कराने का काम आकर्षक बनाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने वित्तीय समावेशन को टिकाऊ वृद्धि का एक महत्वपूर्ण आधार बताया। गवर्नर राजन ने कहा कि बैंक आमतौर पर मुनाफे के लिए कर्ज लेने वालों पर ध्यान देते हैं। गवर्नर ने कहा कि आधार आधारित भुगतान प्रणाली से वित्तीय सुविधाओं से वंचित लोगों तक इसे पहुंचाने में मदद मिलेगी।
राजन ने राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान में परिचर्चा सत्र को संबोधित करते हुए कहा, अंतत: क्या हमें प्रत्येक व्यक्ति तक वे सेवाएं (बैंकिंग) नहीं पहुंचानी चाहिए जिनका फायदा इस कमरे में बैठे हम सभी लोग उठाते हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय सेवाओं को हर व्यक्ति के लिए सुलभ बनाना नैतिकता के तकाजे और आर्थिक क्षमता दोनों की दृष्टि से जरूरी है। जब हर व्यक्ति के पास अपनी जिंदगी बेतर बनाने के औजार और साधन होंगे तो उत्पादन , वृद्धि और आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में हम उन सभी भारतीयों को औपचारिक वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे, जो इन्हें चाहते हैं। वित्तीय समावेशी देश की सतत वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन की राह में भारत ने अच्छी प्रगति की है पर अभी आगे लंबा रास्ता बाकी है।
राजन ने कहा कि हम इस काम में आदेश, सब्सिडी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर निर्भरता से आगे बढ़कर एक ऐसी अनुकूल व्यवस्था की ओर बढ रहे हैं जिससे सभी वित्तीय संस्थानों के लिए वंचितों को अपने साथ जोड़ना आकर्षक लगेगा। पर इसके साथ साथ वंचितों के हितों के संरक्षण के लिए शिक्षा, प्रतिस्पर्धा और नियमों की भी जरूरत होगी।