नई दिल्ली: रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन के दूसरे कार्यकाल को लेकर समर्थन लगातार बढ़ रहा है। राजन के दूसरे कार्यकाय का समर्थन करते हुए अमेरिका के प्रिंस्टन विश्वविद्यालय में भारतीय मूल के अमेरिकी अर्थशास्त्री अविनाश दीक्षित ने कहा है कि रोजगार, वृद्धि व मुद्रास्फीति संबधी लक्ष्यों पर आगे बढने के मामले में केंद्रीय बैंक के गवर्नर को पूरी परिचालनगत स्वतंत्रता होनी चाहिए।
दीक्षित ने कहा, हां निश्चित तौर पर मुझे लगता है कि रघुराम राजन आरबीआई गवर्नर के तौर पर दूसरा कार्यकाल पाने के पात्र हैं। इसके अलावा (मुद्रास्फीति, रोजगार व आर्थिक वृद्धि आदि) लक्ष्यों पर काम करने के लिए उन्हें पूरी परिचानलगत स्वतंत्रता होनी चाहिए। पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा चार सितंबर 2013 से तीन साल के लिए नियुक्त राजन भाजपा के कुछ धड़ों के निशाने पर हैं जिनमें राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी शामिल हैं जिनका कहना है कि राजन ब्याज दर में कमी और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में नाकाम रहे।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री राजन फिलहाल शिकागो के बूथ स्कूल आफ बिजनेस से छुट्टी पर हैं जहां वे वित्त विभाग के प्रोफेसर हैं। यदि उन्हें विस्तार नहीं मिलता तो वह 1992 से अब तक पहले आरबीआई गवर्नर होंगे जिनका कार्यकाल पांच साल का नहीं होगा। हाल में आई खबरों के मुताबिक रघुराम राजन दूसरा कार्यकाल लेना नहीं चाहते हैं और इसके बावत वे अपनी बात सरकार तक पहुंचा चुके हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि राजन अपना दूसरा कार्यकाल लें।
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