नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के बचाव में खड़े हो कर उनके शिकागो यूनिवर्सिटी के साथी लुईगी जिंगल्स ने कहा है कि राजन को इस समय निशाना इस लिए बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने बैंकिंग प्रणाली की अक्षमता और भारत में सांठ-गांव वाले पूंजीपतियों को चुनौती दी है।
राजन का वर्तमान 30 वर्ष का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो रहा है। इस समय भारत में बहस चल रही है कि उन्हें विस्तार दिया जाए या नहीं। जिंगल्स ने इस बसह के बीच कहा है कि सरकारें पहले भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर के पद पर घिसे पिटे नौकरशाहों बिठाती थी जो कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाते थे।
उन्होंने एक लेख में लिखा, पर राजन नए भारत का सपना हैं, वह युवा और योग्य है तथा अपने कौशल की बदलौत भारत के केंद्रीय बैंक के शीर्ष पद पर पहुंचे हैं ना कि अपनी राजनीतिक पहुंच की वजह से।
राजन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं। वह यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त के प्रोफेसर रह चुके हैं। हाल ही में सत्ताधारी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रहमणियन स्वामी ने उन पर हमला करते हुए कहा था कि रिजर्व बैंक के गवर्नर के तौर पर उनका कार्यकाल असफल रहा है।
जिंगल्स वित्त के प्रोफेसर हैं जिन्होंने राजन के साथ मिल कर किताब लिखी है।
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