नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बावजूद रबी (सर्दियों) की फसल बुवाई की प्रगति अभी तक संतोषजनक है, बुवाई का कुल रकबा 4.02 प्रतिशत बढ़कर 348.24 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 334.78 लाख हेक्टेयर था।
गेहूं बुवाई का रकबा, फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के रबी सत्र में 27 नवंबर तक मामूली वृद्धि के साथ 151.58 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 150.49 लाख हेक्टेयर था। रबी की बुवाई अक्टूबर से शुरू होती है, जबकि मार्च से कटाई होती है।
सरसों, दलहन का रकबा बढ़ा
कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में रबी बुवाई खेती के रकबे की साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा से पता चलता है कि इन क्षेत्रों में रेपसीड और सरसों, दलहन और अन्य फसलों के खेती के रकबे में वृद्धि हुई है। हालांकि, बुवाई कवरेज का समग्र रुझान बहुत अच्छा है और राज्यों के साथ हुई चर्चा के अनुरूप लक्षित खेती के रकबे को हासिल कर लेने की उम्मीद है।
संतोषजनक है स्थिति
कोविड-19 के समय, आज की स्थिति के अनुरूप रबी फसलों के अंतर्गत खेती रकबे में प्रगति संतोषजनक है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, दलहनों का रकबा अभी तक 13.27 प्रतिशत बढ़कर 99.45 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले रबी सत्र में 87.80 लाख हेक्टेयर था। इसमें से अकेले चना 69.36 लाख हेक्टेयर में बोया गया है, जो पिछले साल 60.76 लाख हेक्टेयर में बोया गया था। पिछले साल की समान अवधि के 28.91 लाख हेक्टेयर की तुलना में अब तक मोटे अनाज की बुवाई पांच प्रतिशत कम यानी 27.39 लाख हेक्टेयर में बोया गया है। जबकि तिलहन बुवाई का रकबा एक साल पहले 58.73 लाख हेक्टेयर था, जो दस बार के रबी सत्र में पांच प्रतिशत बढ़कर 27 नवंबर तक 61.64 लाख हेक्टेयर हो गया है। इनमें से अकेले सरसों इस वर्ष अब तक 57.44 लाख हेक्टेयर में लगाया गया है, जो पिछले वर्ष की 53.88 लाख हेक्टेयर की तुलना में लगभग 6.61 प्रतिशत अधिक है।
कम हुई बारिश
मंत्रालय के अनुसार, इस साल एक अक्टूबर और 19 नवंबर की अवधि की तुलना में सर्दियों के दौरान अब तक दो प्रतिशत कम बारिश हुई है। केंद्रीय जल आयोग ने कहा है कि 128 जलाशयों में अब तक जल संग्रहण, एक साल पहले की अवधि का 94 प्रतिशत है।