नई दिल्ली। रबी फसल की बुआई पिछले मार्केटिंग वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग दो प्रतिशत अधिक होने की संभावना है। क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। क्रिसिल की इस रिपोर्ट में कहा है कि 27 नवंबर तक पहले से ही रबी फसल की बुवाई 348 लाख हेक्टेयर (हेक्टेयर) में हो चुकी थी, जो पिछले पूरे सत्र में हुई बुवाई की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है तथा पिछले पांच वर्षो के बुवाई के औसत से दो प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल रबी की बुआई में भरपूर बरसात देखी गई जो सामान्य मानसून के मुकाबले नौ प्रतिशत अधिक थी और जिसके कारण मिट्टी में अधिक नमी थी और पिछले पांच वर्षो के औसत की तुलना में जलाशय में पानी का स्तर 19 प्रतिशत अधिक है।
इसमें कहा गया है कि खरीफ फसलों की समय पर कटाई के कारण समय पर रबी फसलों की बुआई सुनिश्चित हुई। रिपोर्ट में कहा गया है हम मौजूदा रबी बुवाई (विपणन वर्ष, या जनवरी-दिसंबर 2021) के, पिछले विपणन वर्ष के 662 लाख हेक्टेयर की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक होने की उम्मीद करते हैं।’’ हालांकि, चक्रवात निवार के बाद, दिसंबर के पहले सप्ताह में तमिलनाडु में एक और समुद्री तूफान 'बुरेवी’ के आने की आशंका है, जो यदि गंभीर हुआ तो राज्य में चल रही दलहन की रबी बुवाई को नुकसान पहुंच सकता है।
कोरोना संकट के बीच कृषि सेक्टर से लगातार अच्छी खबरें मिल रही हैं, खरीफ की फसलों की उपज भी बेहतर रही है वहीं अब रबी की उपज के पहले से बेहतर रहने की संभावना बन रही है। आज वित्त मंत्रालय की मासिक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में वी शेप रिकवरी देखने को मिल रही है और इसमें सबसे ज्यादा मदद कृषि सेक्टर ने की है।