नई दिल्ली। टाटा ट्रस्ट ने बुधवार को कहा कि उसके प्रबंध न्यासी आर वेंकटरमणन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया गया है कि उन्होंने दूसरी संभावनाओं पर काम करने के इरादे से अपना इस्तीफा दिया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार ट्रस्ट के न्यासियों ने रतन टाटा के सौतेले भाई व ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन तथा टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक नोएल एन टाटा तथा परमार्थ कार्यों में लंबे समय से लगे जहांगीर एच सी को सर रतन टाटा ट्रस्ट का न्यासी नियुक्त किया है।
टाटा ट्रस्ट ने एक बयान में कहा है कि वेंकटरमणन प्रबंध न्यासी व टाटा ट्रस्ट के न्यासी के पद की जिम्मेदारी 31 मार्च 2019 को छोड़ देंगे। फिलहाल न्यासियों की एक समिति तत्काल प्रभाव से बनाई गई है। वह न्यास का काम देखेगी और नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी का चयन करेगी। इस समिति में ट्रस्ट के चेयरमैन रतन एन टाटा, उपाध्यक्ष विजय सिंह तथा वेणु श्रीनिवासन शामिल हैं।
टाटा ट्रस्ट के न्यासियों की बुधवार को हुई बैठक में वेंकटरमणन के पद छोड़ने के आग्रह को स्वीकार किया गया। उन्होंने ट्रस्ट के कार्यकारी न्यासी/प्रबंध न्यासी का पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद यह इस्तीफा दिया है।
उन्होंने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जब टाटा परिवार के सदस्यों वाले परमार्थ ट्रस्ट को कर छूट का दर्जा कथित रूप से वापस लेने की रिपोर्ट है। इसका कारण वेंकटरमणन को ट्रस्ट की ओर से पारितोषिक का भुगतान किया जाना है।
उनके खिलाफ एयर एशिया इंडिया के लिए अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का लाइसेंस हासिल करने को लेकर कथित रूप से भ्रष्ट तरीके अपनाने के आरोप में सरकारी नीतियों के साथ कथित हेराफेरी करने की कोशिश के आरोप में सीबीआई ने पिछले साल जांच की थी। हालांकि उस समय टाटा ट्रस्ट ने उनका बचाव किया था।