मुंबई। पनामा के लीक दस्तावेजों को लेकर दुनियाभर में मचे हंगामे के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने चेताया कि लोगों द्वारा अपने दम पर उद्यमशीलता से कमाई गई संपत्ति पर भी सवाल खड़ा किया जाना खतरनाक प्रवृत्ति है। पनामा दस्तावेजों में कई भारतीयों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने अपनी अघोषित संपत्ति वहां छुपा रखी है।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि धन के गैरकानूनी होने की बहस सांठगाठ वाले पूंजीवाद से शुरू होकर बैंक अधिकारियों के गैरकानूनी कार्य से होते हुए निष्क्रिय और विरासत में मिले धन तक पहुंच गई है। अब लगातार यह चर्चा हो रही है कि क्या उद्यमशीलता से की गई कमाई गैकानूनी धन है। क्या खुद के दम पर बने लोगों के पास आज जो कुछ है, वह होना चाहिए था। क्या यह उचित खेल है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह खतरनाक है। तथ्य यह है कि कई मौकों पर लोग अपनी संपत्ति को छिपाते देखे गए हैं, जैसा कि पनामा से संबंधित आरोपों में सामने आया है। मुख्यत: इसी से वैधता समाप्त होने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है।
सरकार ने पनामा के लीक दस्तावेजों के आधार पर सामने आए खातों की जांच के लिए विभिन्न एजेंसियों का दल बनाया है। रिजर्व बैंक भी इस दल का हिस्सा है। यहां एक औद्योगिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि लोगों को अपनी संपत्ति को कानूनी बताने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाने चाहिए।