मुंबई। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, भारत में अब आर्थिक वृद्धि बेहतर तरीके से हो रही है और वृद्धि चक्र की तेजी के लिए राजकोषीय व मौद्रिक प्रोत्साहनों का इस्तेमाल करने के बजाये आर्थिक प्रणाली को दुरुस्त करने और बुनियादी सुधारों का रास्ता अपनाया जा रहा है। क्रिसिल की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में, सबसे सकारात्मक बदलाव यह आया है कि अब नीतियों का जोर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना या चक्रीय वृद्धि के लिए राजकोषीय या मौद्रिक तरीकों का इस्तेमाल करना नहीं रह गया है। बल्कि वृद्धि के रुझानों को सुधारने के लिए व्यवस्था की कमियों को दुरुस्त करने और बुनियादी सुधारों पर ध्यान है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की वर्तमान वृद्धि चीन की तरह नहीं है क्योंकि भारत बड़े पैमान पर ऋण के सृजन का सहारा नहीं ले रहा है। हालांकि क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्माकृति जोशी ने कहा कि सरकार को हर माह छह लाख नौकरियां सृजित करने की जरूरत है जो लक्ष्य से पीछे है। खाद्य प्रसंस्करण एवं कपड़ा उद्योग दो ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा करना संभव है।
अमेरिका में जून में 2,87,000 नए रोजगार के अवसर सृजित
अमेरिकी नियोक्ताओं ने जून महीने में 2,87,000 नए रोजगार सृजित किए, जो कि देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का ताजा संकेत है। श्रम विभाग के आंकड़ों के अनुसार निजी कंपनियों व सरकारी प्राधिकारों ने जून महीने में कुल मिलाकर 2,87,000 नए रोजगार सृजित किए जो कि विश्लेषकों की अपेक्षा से कहीं अधिक है।
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