नई दिल्ली। नोटबंदी और GST का प्रतिकूल प्रभाव कम होने के चलते भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। उद्योग संघ FICCI ने आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण में आज यह संभावना जताई। अप्रैल-जुलाई तिमाही में GDP वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) 30 नवंबर को जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए आर्थिक विकास के आंकड़े जारी करेगा। उद्योग संघ ने कहा कि सर्वेक्षण में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने उल्लेख किया कि सरकार को सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उत्पादक पूंजी निवेश पर जोर देना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में GDP वृद्धि दर सुधरकर 6.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और आगे तीसरी तिमाही में GDP दर 6.7 प्रतिशत होने की संभावना है। फिक्की ने सर्वेक्षण में कहा कि नोटबंदी और GST कार्यान्वयन के प्रभाव के चलते अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती खत्म होती हुई प्रतीत हो रही है। नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था (GST) स्थिर हो रही है, जिससे आगे अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिल सकता है। सर्वेक्षण में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के 2017-18 में करीब 2.8 प्रतिशत जबकि खुदरा मुद्रास्फीति 3.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई है।