चंडीगढ़। पंजाब सरकार, पंजाब नगर सेवा उन्नयन परियोजना (पीएमएसआईपी) के तहत अमृतसर और लुधियाना के लिये नहर आधारित जलापूर्ति परियोजना के लिए विश्व बैंक अथवा एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) से 21 करोड़ डॉलर का ऋण मांगेगी। एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में एक आभासी बैठक में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा शुक्रवार को ऋण लेने का निर्णय लिया गया।
राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को परियोजना के उद्देश्यों को पूरा करने और विश्व बैंक या एआईआईबी द्वारा प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों के सफल और समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को लेकर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। मंत्रिमंडल को बताया गया कि लुधियाना और अमृतसर कस्बों के निवासियों को वर्तमान जल आपूर्ति प्रणाली विभिन्न स्थानों पर लगाये गये गहरे बोर ट्यूबवेल के माध्यम से होती है। हालांकि, समय के साथ, भूजल स्तर कम हो रहा है, जिससे ट्यूबवेल को बार-बार बदलने की आवश्यकता होती है।
साथ ही, नलकूपों में पानी का बहाव कम हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप, निवासियों को अक्सर पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने की शिकायत होती है। बयान में कहा गया, ‘‘इस समस्या को दूर करने के लिए, अब विश्व बैंक / एआईआईबी से 21 करोड़ डॉलर का ऋण लेकर इन दोनों शहरों में नहर के जरिये पानी की आपूर्ति किये जाने का फैसला किया गया है इसमें कहा गया है, ‘‘अमृतसर शहर के लिए नहर से पानी की आपूर्ति का काम पहले ही सौंपा जा चुका है, जबकि लुधियाना शहर के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किया जा रहा है। परियोजना के कार्यान्वयन की अवधि काम सौंपे जाने के बाद तीन साल की होगी।’’
राज्य सरकार ने जून 2018 में, केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के माध्यम से, विश्व बैंक से अमृतसर और लुधियाना में चौबीसों घंटे नहर से जलापूर्ति परियोजनाओं को लागू करने में पंजाब का समर्थन करने का अनुरोध किया था। विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से, वर्ष 2015 में दोनों शहरों के लिए पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की गई और वर्ष 2019 में उसे अद्यतन किया गया।