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पंजाब सरकार का छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला

पंजाब सरकार ने छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार करने और 1 जुलाई, 2021 से 1 जनवरी, 2016 से लागू करने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने इसकी जानकारी दी है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: June 18, 2021 22:26 IST
पंजाब सरकार का छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला- India TV Paisa
Photo:FILE

पंजाब सरकार का छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला

नई दिल्ली: पंजाब सरकार ने छठे वेतन आयोग की अधिकांश सिफारिशों को स्वीकार करने और 1 जुलाई, 2021 से 1 जनवरी, 2016 से लागू करने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने इसकी जानकारी दी है। इस कदम से राज्य सरकार के 5.4 लाख से अधिक सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाभ होगा। इस साल मई में, पंजाब के छठे वेतन आयोग ने 1 जनवरी, 2016 से सभी राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में दो गुना से अधिक की बढ़ोतरी और न्यूनतम वेतन 6,950 से 18,000 प्रति माह करने की सिफारिश की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने तब कहा था कि आयोग की सिफारिशों से 2016 से प्रति वर्ष 3,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च होने की संभावना है। 

पंजाब की अमृतसर, लुधियाना के लिए नहर के जरिये जलापूर्ति के लिए 21 करोड़ डॉलर कर्ज की मांग

पंजाब सरकार, पंजाब नगर सेवा उन्नयन परियोजना (पीएमएसआईपी) के तहत अमृतसर और लुधियाना के लिये नहर आधारित जलापूर्ति परियोजना के लिए विश्व बैंक अथवा एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) से 21 करोड़ डॉलर का ऋण मांगेगी। एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में एक आभासी बैठक में राज्य मंत्रिमंडल द्वारा शुक्रवार को ऋण लेने का निर्णय लिया गया। 

राज्य मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को परियोजना के उद्देश्यों को पूरा करने और विश्व बैंक या एआईआईबी द्वारा प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों के सफल और समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को लेकर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। मंत्रिमंडल को बताया गया कि लुधियाना और अमृतसर कस्बों के निवासियों को वर्तमान जल आपूर्ति प्रणाली विभिन्न स्थानों पर लगाये गये गहरे बोर ट्यूबवेल के माध्यम से होती है। हालांकि, समय के साथ, भूजल स्तर कम हो रहा है, जिससे ट्यूबवेल को बार-बार बदलने की आवश्यकता होती है। साथ ही, नलकूपों में पानी का बहाव कम हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप, निवासियों को अक्सर पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने की शिकायत होती है।

बयान में कहा गया, ‘‘इस समस्या को दूर करने के लिए, अब विश्व बैंक / एआईआईबी से 21 करोड़ डॉलर का ऋण लेकर इन दोनों शहरों में नहर के जरिये पानी की आपूर्ति किये जाने का फैसला किया गया है इसमें कहा गया है, ‘‘अमृतसर शहर के लिए नहर से पानी की आपूर्ति का काम पहले ही सौंपा जा चुका है, जबकि लुधियाना शहर के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किया जा रहा है। परियोजना के कार्यान्वयन की अवधि काम सौंपे जाने के बाद तीन साल की होगी।’’ 

राज्य सरकार ने जून 2018 में, केंद्र सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के माध्यम से, विश्व बैंक से अमृतसर और लुधियाना में चौबीसों घंटे नहर से जलापूर्ति परियोजनाओं को लागू करने में पंजाब का समर्थन करने का अनुरोध किया था। विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से, वर्ष 2015 में दोनों शहरों के लिए पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की गई और वर्ष 2019 में उसे अद्यतन किया गया।

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