नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पंजाब के किसानों को इस साल पहली बार गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में मिलना शुरू हुआ है। मंत्रालय के अनुसार इस साल अब तक 8,180 करोड़ रुपये इन किसानों के खाते में हस्तांतरित किये जा चुके हैं। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने कहा है कि इस साल, सार्वजनिक रूप से होने वाली गेहूं खरीद के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा है। इस साल पंजाब और हरियाणा में भी किसानों को उनकी कृषि उपज की खरीद होने पर भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जा रहा है। इससे पहले किसानों को यह भुगतान उनके खातों में सीधे नहीं किया जाता था।
फिलहाल पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रबी मौसम की गेहूं की खरीद का काम जोरों पर है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘पंजाब के किसानों के खातों में पहले ही लगभग 8,180 करोड़ रुपये सीधे हस्तांतरित किए जा चुके हैं।’’ बयान के मुताबिक 2021-22 रबी विपणन सत्र (अप्रैल-मार्च) में पंजाब से अब तक लगभग 84.5 लाख टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। हरियाणा में भी, एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा है। अब तक 4,668 करोड़ रुपये हरियाणा के किसानों के खातों में डाले जा चुके हैं। हरियाणा से लगभग 71.6 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है। गेहूं की खरीद केंद्रीय शीर्ष सरकारी एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य की एजेंसियों द्वारा की जा रही है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान विपणन सत्र में देश भर में इन एजेंसियों द्वारा 25 अप्रैल तक कुल 222.33 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है। मंत्रालय ने कहा कि गेहूं खरीद में दो राज्य - पंजाब और हरियाणा अग्रणी हैं। तीसरा राज्य मध्य प्रदेश है जहां अब तक 51.57 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। उसने कहा, ‘‘चालू खरीद अभियान के तहत करीब 43,912 करोड़ रुपये के एमएसपी भुगतान के साथ लगभग 21.17 लाख गेहूं किसान पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। इसमें कहा गया है कि एमएसपी का प्रत्यक्ष भुगतान पंजाब / हरियाणा के किसानों को पहली बार किया जा रहा है। इन राज्यों के किसानों को अब बिना देरी उनकी मेहनत से उगाई फसलों की बिक्री का प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।