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कारोबारियों ने उठाए सरकार के फॉर्मूले पर सवाल, नियम नहीं बदला तो और महंगी होगी दाल

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भरोसा दिलाया है कि आयातित और जब्त की गई दाल के बाजार में आने के बाद कीमतों में नरमी देखने को मिलेगी।

Dharmender Chaudhary
Updated : October 22, 2015 14:19 IST
कारोबारियों ने उठाए सरकार के फॉर्मूले पर सवाल, नियम नहीं बदला तो और महंगी होगी दाल
कारोबारियों ने उठाए सरकार के फॉर्मूले पर सवाल, नियम नहीं बदला तो और महंगी होगी दाल

नई दिल्ली: देश में दाल की कीमतों को लेकर मचे हाहाकार के बीच देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने एक राहत की खबर दी है। यह बात उन्होंने दाल की समीक्षा कर रहे मंत्रियों के समूह की बैठक के बाद कही। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आयातित दाल के साथ देश में उपलब्ध दाल (जमाखोरों द्वारा रोकी गई) के बाजार में आने के बाद दाल की कीमतों में नरमी देखने को मिलेगी। दूसरी ओर कारोबिरयों का कहना है कि अगर सरकार स्टॉक लिमिट को खत्म नहीं करती है, तो दाल की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती हैं।

गैरतलब है कि बुधवार को जेटली ने बताया कि अब तक देश में कुल 3290 जगहों पर छापेमारी की जा चुकी है जिसमें करीब 36000 टन दाल जब्त की गई है। जब्त की गई और आयातित दाल बाजार में आने के बाद दाल की आसमान छूती कीमतों से कुछ राहत मिल सकती है।

स्टॉक लिमिट कहीं फिर न बढ़ा दे दाल की कीमत-

महाराष्ट्र सरकार अगर दालों पर स्टॉक लिमिट की सीमा को आगे भी जारी रखती है तो दालों के व्यापारी निश्चित तौर पर अक्टूबर से जनवरी के दौरान बुक किए गए इंपोर्ट के ऑर्डर को रद्द कर सकते हैं। तमाम ट्रेडर्स ने इन दौरान कुल 25 लाख टन दाल के ऑर्डर बुक किए थे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने बीते हफ्ते ही दालों का स्टॉक करने संबंधी लिमिट में बदलाव किया था। रद्द होने वाले ऑर्डर कनाडा, म्यांमार और ऑस्ट्रेलिया से हैं।

इंडियन पल्सेज एंड ग्रेन्स एसोसिएशन के चेयरमैन प्रवीण डोगरे के मुताबिक दालों की स्टॉक लिमिट तय करना गलत साबित हो सकता है। उन्होनें कहा कि इतनी कम स्टॉक सीमा तय किए जाने के बाद आयातक दालों को मंगाने का जोखिम नहीं लेंगे। गौरतलब है कि इसी सप्ताह राज्य सरकार ने दालों की जमाखोरी रोकने के लिए आयातकों को 350 टन से अधिक दाल का स्टॉक न रखने का आदेश दिया था। आयात के ऑर्डर रद्द होने पर अगर देश में दालों की उपलब्धता घटती है तो निश्चित तौर पर दामों में फिर तेजी देखने को मिल सकती है।

डोगरे ने बताया कि कुछ आयातकों ने 50,000 टन दाल का कार्गो बुक किया है। स्टॉक लिमित की वजह से आयतक ऑर्डर को रद्द करेगें या फिर किसी और राज्य के पोर्ट पर दाल उतारेंगे। दोनों ही परिस्थितियों में दाल महंगा होना तय है। दाल के ज्यादातर प्रोसेसिंग यूनिट महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में है। इन तीनों राज्यों में सरकार ने स्टॉक लिमिट लगा रखी है। डोगरे ने कहा कि सभी राज्य स्टॉक लिमिट लगा देंगे तो, हम कैसे पोर्ट से प्रोसेसिंग यूनिट दाल को ले जाएंगे।

दस राज्यों में जमाखोरों के पास से 35,000 टन दाल बरामद-

केन्द्र सरकार ने कहा कि राज्यों द्वारा दलहन की जमाखोरी और कालाबाजारी के खिलाफ अभियान तेज करने के बाद दो दिनों में 10 राज्यों से करीब 35,000 टन दाल- दलहनों को जब्त किया गया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दलहनों की जमाखोरी रोकने के लिए राज्यों की ओर से जमाखोरी रोधी अभियान तेज किया गया है। 10 राज्यों में 35,000 टन से अधिक दाल-दलहनों को जब्त किया गया है।’ इसमें कहा गया है कि जमाखोरी रोकने के लिए प्रदेश सरकारों को औचक जांच करने और छापेमारी करने के लिए कहा गया था।

10 राज्यों में 2,704 छापेमारी की घटना में 35,288 टन दलहनों को जब्त किया गया है। बयान में कहा गया है कि सर्वाधिक मात्रा महाराष्ट्र में 23,340 टन की जब्त की गई जिसके बाद छत्तीसगढ़ में 4,525.19 टन, तेलंगाना में 2,546 टन, मध्य प्रदेश में 2,295 टन, हरियाणा में 1,168 टन, आंध्र प्रदेश में 859.8 टन, कर्नाटक में 479.6 टन, राजस्थान में 68.47 टन, तमिलनाडु में 4.32 टन और हिमाचल प्रदेश में 2.44 टन दलहन जब्त किए गए।

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