नई दिल्ली। पिछले एक साल में दालों की कीमतों में अच्छी गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान दालें करीब 30 फीसदी सस्ती हो गई हैं। बंपर फसल की वजह से चना दाल की कीमतें और नीचे आने की उम्मीद है। कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता में दलहन खरीद पर सचिवों की समिति (COS)की बैठक में खरीफ सत्र में दलहन की रिकार्ड खरीद का उल्लेख हुआ।
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बफर स्टॉक की स्थिति की हुई समीक्षा
समिति ने बफर स्टॉक की स्थिति की समीक्षा की और कहा कि अभी तक 16.46 लाख टन दलहन की खरीद हुई है। इसमें से चालू खरीफ सत्र में आठ लाख टन तुअर दाल की खरीद किसानों से 50.50 रुपए प्रति किलोग्राम के समर्थन मूल्य पर की गई।
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कीमतों की निगरानी जरूरी
दालों के दाम 200 रुपए प्रति किलोग्राम की उंचाई पर पहुंचने के बाद सरकार ने दलहन का 20 लाख टन का बफर स्टाक बनाने का फैसला किया था। समिति ने आवश्यक कमोडिटी की मूल्य की स्थिति की भी समीक्षा की। समिति ने कहा कि इनकी कीमतों की नियमित आधार पर निगरानी करने की जरूरत है।
भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. एनपी सिंह ने कहा कि,
इस वर्ष देश में दलहन उत्पादन में ऐतिहासिक वृद्धि होने की संभावना है। कृषि सहकारिता विभाग के अनुमान के अनुसार देश में इस वर्ष लगभग 221 लाख टन होना सुनिश्चित है। दालों की इस बंपर पैदावार में वैज्ञानिक विधि से उन्नत तकनीक का इस्तेमाल भी एक महत्तवपूर्ण हिस्सा है।