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दालों की कीमतें स्थिर, मूल्य स्थिति पर करीबी निगरानी: सरकार

सरकार ने कहा की कीमतों पर करीबी नजर रखे है। देश भर के खुदरा बाजारों में दालों की कीमतें 83 से 177 रुपए प्रति किलो के दायरे में लगभग स्थिर बने हुए हैं।

Dharmender Chaudhary
Published on: April 19, 2016 9:06 IST
Big Relief: दालों की कीमतें स्थिर, मूल्य स्थिति पर करीबी निगरानी: सरकार- India TV Paisa
Big Relief: दालों की कीमतें स्थिर, मूल्य स्थिति पर करीबी निगरानी: सरकार

नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि दाल-दलहन के दाम पर वह करीबी नजर रखे है। देश भर के खुदरा बाजारों में पिछले एक महीने में दालों के दाम 83 से 177 रुपए प्रति किलो के दायरे में लगभग स्थिर बने हुए हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रखे जाने वाले आंकड़ों के अनुसार उड़द दाल सोमवार को 177 रुपए किलो, तुअर-अरहर 165 रुपए किलो, मूंग 130 रुपए किलो, मसूर 100 रुपए किलो और चना 83 रुपए किलो की दर पर उपलब्ध है। वहीं पिछले महीने अधिकांश खुदरा बाजारों में उड़द 172 रुपए किलो, तुअर 162 रुपए, मूंग दाल 122 रुपए किलो, मसूर 107 रुपए किलो और चना 75 रुपए किलो की दर से उपलब्ध था। जमाखोरों के खिलाफ सरकार के अभियान सहित विभिन्न उपायों के बाद दलहनों की कीमतें पिछले साल के 210 रुपए किलो के स्तर से नीचे आई हैं।

उपभोक्ता मामला सचिव सी विश्वनाथ ने बताया, हाल के रुख दर्शाते हैं कि दलहन कीमतें लगभग स्थिर हैं। सरकार आपूर्ति को बढ़ाने और कीमतों में आगे और तेजी को रोकने के लिए पहल कर रही है। सी विश्वनाथ ने कहा कि सरकार कीमतों और दलहन उपलब्धता पर करीबी नजर रखे हुए है और नियमित रूप से उच्च स्तर पर इसकी निगरानी की जा रही है। अलग से दिए एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने 50,000 टन दलहन का बफर स्टॉक तैयार किया है। राज्य सरकारों को फुटकर वितरण के लिए स्टॉक को समय से जारी करने के लिए अपनी मांगों को बताने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि सरकारी और निजी दोनों ही एजेंसियों द्वारा आयात के जरिये दलहन की आपूर्ति में सुधार लाया जा रहा है।

वित्त वर्ष 2015-16 में निजी व्यापारियों ने 55 लाख टन दलहन की खरीद की जो पिछले वर्ष के मुकाबले 10 लाख टन अधिक है। सरकार ने समीक्षाधीन अवधि में 25,000 टन दलहन के आयात के लिए अनुबंध किया था। कालाबाजारी और सट्टेबाजी रोकने के लिए प्रदेश सरकारों को स्टॉक रखने की सीमा व्यवस्था को सख्ती से लागू करने को कहा गया है और जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। विभिन्न कदमों के बावजूद इस वर्ष भी दलहन कीमत मजबूत बने रहने की संभावना है क्योंकि लगातार दूसरे वर्ष सूखे के कारण उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि की संभावना नहीं है। कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई से जून) में दलहन उत्पादन एक करोड़ 73 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले साल के एक करोड़ 71 लाख टन के उत्पादन से मामूली अधिक है।

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