नई दिल्ली: 2015 और 2016 की शुरुआत में दालों की बढ़ी हुई कीमतों ने आम आदमी की जेब जिस तरह से खाली की थी उस तरह के हालात इस साल होते नहीं दिख रहे हैं। पिछले साल देश में दालों का रिकॉर्ड उत्पादन था जिस वजह से पिछले साल का भारी स्टॉक बचा हुआ है साथ में इस साल किसानों ने दालों की खेती में बढ़ोतरी की है।
दलहन मांग सप्लाई की स्थिति
2016-17 सीजन के दौरान देश में करीब 224 लाख टन दलहन का उत्पादन हुआ है साथ में आयात करीब 57 लाख टन का दर्ज किया गया है। सालभर के दौरान देश में दलहन की कुल खपत 230-235 लाख के बीच रहती है और करीब 10-15 लाख टन दलहन बीज के तौर पर इस्तेमाल होता है, इन हालात में 35-40 लाख टन दलहन पिछले साल का बचा हुआ है जो इस साल खपत होगा।
किसानों ने बढ़ाई दलहन की खेती
इसके अलावा इस साल देश के किसानों ने दलहन की खेती में जोरदार बढ़ोतरी की है जिससे पैदावार में बढ़ोतरी होने की उम्मीद बढ़ गई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक 7 जुलाई तक देशभर में खरीफ दलहन का रकबा 44.11 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है जबकि पिछले साल इस दौरान देश में 35.88 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन की खेती हो पायी थी। यानि पिछल साल के मुकाबले इस दाल दलहन की खेती करीब 23 फीसदी आगे चल रही है। इस साल 7 जुलाई तक जो बुआई हुई है उसमें 14.25 लाख हेक्टेयर में तुअर, 12.49 लाख हेक्टेयर में मूंग, 10.13 लाख हेक्टेयर में उड़द और 7.24 लाख हेक्टेयर में अन्य खरीफ दलहन की खेती है।
पिछले साल देश में दालों की रिकॉर्ड बुआई के बाद हुए रिकॉर्ड उत्पादन से देश में ज्यादातर दलहन की कीमतों में भारी गिरावट आई थी, और ऐसा कहा गया था कि दालों का भाव घटने से दाल किसानों की लागत भी नहीं निकल पायी है, जिससे किसान आगे चलकर दालों की खेती से दूरी बना सकते हैं। लेकिन इस साल जिस रफ्तार से खरीफ दलहन की बुआई हो रही है उसे देखकर लग नहीं रहा है कि किसानों को पिछले साल दलहन की खेती से घाटा हुआ है और इस साल सरकार ने दालों के समर्थन मूल्य में जो बढ़ोतरी की है उससे उत्साहित होकर किसानों ने दालों की बुआई को बढ़ाया है।
सरकार ने पिछले साल 20 लाख टन दलहन की खरीद की
पिछले साल पूरे खरीफ सीजन के दौरान करीब 146 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई हुई थी जो बुआई का अबतक का रिकॉर्ड है, रिकॉर्ड बुआई की वजह से खरीफ दलहन उत्पादन 91.2 लाख टन दर्ज किया गया था जो उत्पादन का भी रिकॉर्ड है। ज्यादा उत्पादन की वजह से दालों की कीमतों में भारी गिरावट आई थी और ऐसा कहा जा रहा था कि भाव घटने की वजह से किसानों को घाटा हुआ है। किसानों की मदद के लिए सरकार ने देशभर में समर्थन मूल्य पर करीब 20 लाख टन दलहन की खरीद की जो दालों की अबतक की सबसे अधिक खरीद है।
इस साल दालों के समर्थन मूल्य में भी बढ़ोतरी
इस साल भी सरकार ने किसानों की मदद के लिए सभी खरीफ दलहन के समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोतरी की है। तुअर, उड़द और मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है, 2017-18 के लिए तुअर का समर्थन मूल्य 5,450 रुपये, उड़द का 5,400 रुपये और मूंग का समर्थन मूल्य 5,575 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। किसानों को उम्मीद है कि इस साल भी सरकार उनसे समर्थन मूल्य पर दलहन की खरीद करेगी जिसे देखते हुए इस साल भी किसान दालों की खेती को बढ़ा रहे हैं।