नई दिल्ली। दालों की कीमतों पर काबू पाने और डिमांड के मुकाबले सप्लाई की खाई को कम करने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक का आकार 8लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन कर दिया है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि दालों की कीमतें अगले दो-तीन महीनों में कम होंगी। इसके अलावा सरकार ने दाल की कमी से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाने के लिए एक समिति का गठन किया। बफर स्टॉक वो स्टॉक है जिसके तहत सरकारी एजेंसियां घरेलू और विदेशी बाजारों से खरीद कर दाल जमा करती हैं, ताकि कीमत बढ़ने पर सस्ती कीमत पर खुले बाजार में उसे बेचा जा सके।
वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता में दाल को लेकर वरिष्ठ मंत्रियों की एक बैठक हुई है। इस बैठक में लंबे समय की रणनीति से जुड़े सुझाव देने के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक समिति बनायी जाएगी। समिति अन्य मुद्दों के अलावा इस बात पर भी विचार करेगी कि क्या दाल की न्यूनतम खरीद मूल्य (एमएसपी) के ऊपर बोनस कितना दिया जा सकता है। पासवान ने कहा कि बोनस से सीधे-सीधे किसानों को फायदा होता है और वो ज्यादा पैदावार के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
बैठक के बाद पासवान ने कहा, सरकार ने दलहन पर एक दीर्घावधिक नीति को तैयार करने के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार के तहत एक समिति को गठित करने का फैसला किया है जो एमएसपी और बोनस सहित विभिन्न विकल्पों के बारे में गौर करेगी। उन्होंने कहा कि समिति मौजूदा समय में दलहनों को दिये जा रहे एमएसपी और बोनस का पुनरीक्षण करेगी और भारत में दलहन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए उपयुक्त नीति तैयार करेगी पासवान ने कहा, मेरे हिसाब से, एमएसपी के मुकाबले उत्पादन पर दिया जाने वाला बोनस कहीं अधिक फलदायी साबित होगा। उन्होंने कहा कि समिति दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी।