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सरकारी बैंकों के विलय से बैंकिंग प्रणाली को फायदा होगा, उर्जित पटेल ने कहा NPA से निपटने में मिलेगी मदद

RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि यदि कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आपस में मिला कर ऐसे बैंकों की संख्या कम रखी जाए तो इससे बैंकिंग प्रणाली को लाभ होगा

Abhishek Shrivastava
Published : April 25, 2017 16:56 IST
सरकारी बैंकों के विलय से बैंकिंग प्रणाली को फायदा होगा, उर्जित पटेल ने कहा NPA से निपटने में मिलेगी मदद
सरकारी बैंकों के विलय से बैंकिंग प्रणाली को फायदा होगा, उर्जित पटेल ने कहा NPA से निपटने में मिलेगी मदद

न्‍यूयॉर्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि यदि कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को आपस में मिला कर ऐसे बैंकों की संख्या कम रखी जाए तो इससे भारतीय बैंकिंग प्रणाली को लाभ होगा और वसूली में फंसे कर्ज की समस्या का सामना करने में मदद मिलेगी।

कोलंबिया विश्वविद्यालय में कोटक परिवार के नाम से जुड़ी एक व्याख्यान-माला के अंतर्गत एक व्याख्यान में पटेल ने कहा कि कई लोगों का कहना है कि यह स्पष्ट नहीं है कि हमें इतने अधिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जरूरत क्‍यों है। यदि इन बैंकों को विलय कर मजबूत बैंक बनाया जाए, तो प्रणाली बेहतर होगी।

उन्‍होंने कहा कि सामुदायिक स्तर की बैंकिंग सेवा देने के लिए कुछ सहकारी बैंक और सूक्ष्म वित्त संस्थान हैं। ऐसे में कुछ बैंकों का विलय किया जा सकता है। पटेल ने कहा कि भारत के केंद्रीय बैंक को बैंकिंग क्षेत्र के बड़े दबाव वाले बही खातों की समस्या से जूझना पड़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि हाल के वर्षों में गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्या से निपटने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसमें बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता का वृहद समीक्षा भी शामिल है।

पटेल ने कहा कि बैंकों के एकीकरण से ऐसी रीयल एस्टेट संपत्तियों को बेचा जा सकता है, जहां शाखाएं बेकार हो चुकी हैं। इसके अलावा कर्मचारियों की संख्या के प्रबंधन को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की जा सकती है। युवा लोगों को जोड़ा जा सकता है जो आज की डिजिटल जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

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