नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा ली जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में उम्मीदवारों के अंकों को सरकार अब प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों के साथ साझा करेगी ताकि वह भी अपनी पसंद के लोगों की भर्ती कर सकें। मोदी ने कहा कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करते हैं। अब तक इन परीक्षाओं मे प्राप्तांकों को सरकार अपने पास ही रखती आई है। अबसे हम इन परीक्षाओं के अंकों को सभी नियोक्ताओं को उपलब्ध कराएंगे। यह काम उन्हीं उम्मीदवारों के मामले में होगा, जहां उनकी सहमति होगी।
हाल ही में सरकार ने निचले और मध्यम स्तर के पदों की भर्ती में साक्षात्कार को समाप्त कर दिया है। यह कदम ऐसे पदों में भर्ती के दौरान होने वाले भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए उठाया गया है। सरकारी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश परीक्षाओं के परिणाम को पहले ही निजी क्षेत्र के कॉलेजों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा ली जाने वाली भर्ती परीक्षाओं के अंकों को भी निजी क्षेत्र के नियोक्ता इस्तेमाल में ला सकते हैं। यह उनके लिए एक बेहतर आंकड़ा होगा, इससे उम्मीदवार की बेहतर जांच-परख हो सकेगी।
2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 11.6 करोड़ बेरोजगार लोग थे, जिसमें से 1 करोड़ लोगों के पास ग्रेजुएशन डिग्री और 72 लाख लोगों के पास टेक्नीकल डिग्री थी। 2014 तक भारत में 10 लाख एक्टिव रजिस्टर्ड कंपनियां हैं, जो प्राइवेट सेक्टर के तहत आती हैं। 30 सितंबर 2015 तक भारत में 300 केंद्रीय पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) हैं, जिनें पीएसयू भी कहा जाता है। इनमें से 7 महारत्न, 17 नवरत्न और 73 मिनीरत्न कंपनियां हैं। इनके अलावा यहां कई राज्य स्तरीय पब्लिक सेक्टर यूनिट भी हैं। हालांकि, प्राइवेट कंपनियों की तुलना में सरकारी कंपनियों की संख्या बहुत कम है।