नई दिल्ली। गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) यानी वसूल नहीं हो रहे कर्जों के खिलाफ सरकार के जोरदार अभियान से सरकारी बैंकों के बही-खाते स्वच्छ करने में मदद मिलेगी और इन बैंकों को वैश्विक मानकों के अनुसार पूंजी का पर्याप्त आधार बनाए रखने के लिए बाजार से शेयर पूंजी जुटाने का काम तेज करना पड़ सकता है।
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वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि NPA का समाधान होने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बही-खाते बेहतर होंगे और उनके शेयरों के दाम भी बढ़ेंगे। अधिकारी ने कहा कि ये बैंक इंद्रधनुष योजना के अनुसार पूंजी बाजार से अत्यावश्यक फंड जुटाने की बेहतर स्थिति में होंगे और सरकारी खजानों पर इनका बोझ कम होगा। NPA के जल्द समाधान का अर्थ है कि बैंकों के फॉलो-ऑन ऑफर उम्मीद से पहले आएंगे।
वर्तमान स्थिति के हिसाब से वित्त मंत्रालय को आधे दर्जन बैंकों के वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बाजार से पूंजी जुटाने की उम्मीद है। अधिकारी ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक जैसे कुछ बैंक इस वर्ष फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) जारी कर सकते हैं।
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इंद्रधनुष योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजी पर्याप्तता संबंधी बेसल तीन मानकों को पूरा करने के लिए उन्हें बाजार से 1.10 लाख करोड़ रुपए जुटाने की जरूरत होगी जिनमें FPO से जुटाई जाने वाली पूंजी भी शामिल होगी।