नई दिल्ली। बढ़ती नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) से बुरी तरह प्रभावित बैंक आफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक समेत सरकारी बैंकों को अब तक का सबसे बड़ा घाटा हुआ है। एक तिमाही में बैंकों को कुल 12,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। वहीं, एसबीआई, पीएनबी और केनरा के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज की गई। बैंक आफ बड़ौदा को सबसे ज्यादा 3,342 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह किसी भी सरकारी बैंक का अब तक का सबसे ऊंचा तिमाही नुकसान है।
11 बैंकों को 12,867 करोड़ रुपए का नुकसान
इन दौरान आईडीबीआई बैंक को 2,184 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ इंडिया को 1,505 करोड़ रुपए का भारी-भरकम नुकसान हुआ। इसके अलावा यूको बैंक को 1,497 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक को 1,425 करोड़ रुपए, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 837 करोड़ रुपए और देना बैंक को 663 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। जिन बैंकों को 500 करोड़ रुपए से कम का नुकसान हुआ उनमें इलाहाबाद बैंक को 486 करोड़ रुपए, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स को 425 करोड़ रुपए और कॉरपोरेशन बैंक को 383 करोड़ रुपए और सिंडिकेट बैंक को 120 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इन 11 बैंकों को तिमाही के दौरान कुल मिलाकर 12,867 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
ऐसे पहचानें असली और नकली में फर्क
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बैंकों के मुनाफे में भारी गिरावट
एसबीआई की अगुवाई में सार्वजनिक क्षेत्र के कई प्रमुख बैंकों के मुनाफे में भारी गिरावट दर्ज हुई। देश के सबसे बड़े बैंक, एसबीआई का मुनाफा 61.6 फीसदी गिरकर 1,115.34 करोड़ रुपए पर आ गया जो पिछले साल की इसी अवधि में 2,910.06 करोड़ रुपए पर था। वसूली न किए जा सकने वाले कर्ज के लिए बेहतर पूंजी प्रावधान और आपात स्थिति के कारण पीएनबी का मुनाफा 93 फीसदी घटकर 51 करोड़ रुपए रह गया, जबकि केनरा बैंक का मुनाफा 87 फीसदी घटकर 84.9 करोड़ रुपए रहा। हालांकि इन बैंकों में बैंक ऑफ महाराष्ट्र और विजया बैंक की तरह कुछ अच्छी स्थिति में भी रहे जिनके तिमाही मुनाफे में बढ़ोतरी हुई।