नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) लागत के मोर्चे पर स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से करीब 70 विदेशी शाखाओं या कार्यालय को बंद करने या तर्कसंगत बनाने में लगे हैं। सूत्रों ने कहा कि अव्यवहारिक विदेशी परिचालनों को बंद किया जा रहा है जबकि कार्यकुशलता हासिल करने के लिये एक ही शहर या आस-पास के स्थानों में कई शाखाओं को तर्कसंगत बनाने का काम चल रहा है।
पिछले साल के मुकाबले इस साल दोगुनी शाखाएं होंगी बंद
सूत्रों ने कहा कि इस क्रम में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की चालू वित्त वर्ष में 70 विदेशी शाखाओं को बंद करने या तर्कसंगत बनाने की योजना है। पिछले वर्ष सरकारी बैंकों ने 35 विदेशी शाखायें बंद की थी। आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक बैंकों की विदेशी में 159 शाखायें चल रही हैं, जिसमें से 41 शाखायें 2016-17 में घाटे में थी।
इन बैंकों की विदेशी शाखाएं घाटे में
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की नौ विदेशी शाखायें घाटे में है जबकि बैंक ऑफ इंडिया की आठ और बैंक ऑफ बड़ौदा की सात शाखायें घाटे में हैं। सार्वजनिक बैंकों की 31 जनवरी 2018 तक, करीब 165 विदेशी शाखाओं के अलावा अनुषंगी, संयुक्त उद्यम और प्रतिनिधि कार्यालय हैं।
इन बैंकों की सबसे ज्यादा विदेशी शाखाएं
SBI की सबसे ज्यादा विदेशी शाखाएं (52) हैं, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (50) और बैंक ऑफ इंडिया (29) का स्थान है। सरकारी बैंकों की सबसे ज्यादा शाखायें ब्रिटेन (32) और उसके बाद हांगकांग (13) और सिंगापुर (12) में हैं। पिछले साल नवबंर में हुये PSB मंथन में बैंकिंग क्षेत्र के एजेंडे के अनुसार, बैंकों को लागत के लिहाज से कुशल बनाने के लिये विदेशी परिचालन को तर्कसंगत बनाने की दिशा में कदम उठाना है।