नई दिल्ली। आईटी हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों ने सरकार से मॉनीटर एवं प्रिंटर जैसे सभी तरह के आईटी उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) की एक ही दर 18 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। वर्तमान में कुछ उत्पादों पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का प्रस्ताव है जिससे ये उत्पाद महंगे हो जाएंगे। सूचना प्रौद्योगिकी आईटी हार्डवेयर उद्योग के संगठन मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन फॉर इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी मैट ने सरकार से GST के तहत प्रिंटरों पर दो कर दरों के प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा है और मांग की है कि आईटी उत्पादों पर 18 प्रतिशत की निचली दर का कर लगाया जाना चाहिए। यह कर दर मौजूदा दर के बराबर ही है।
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मैट ने एक बयान में कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी समझौते में उपलब्ध कराए गए आईटी उत्पादों की सूची में वर्णित सामानों पर GST की दर 18 प्रतिशत होनी चाहिए। भारत इस समझौते का हस्ताक्षरकर्ता है। सरकार को यह भी देखना होगा कि उसे डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को पूरा करना है क्योंकि GST में प्रस्तावित 28 प्रतिशत कर की दर से आईटी उत्पाद अंतिम उपभोक्ता के लिए महंंगे हो जाएंगे।
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मौजूदा समय में मॉनीटर और प्रोजेक्टरों पर 18.5 प्रतिशत की कर से दर लगता है। यह सामान पर्सनल कंप्यूटर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पर्सनल कंप्यूटरों पर GST की दर 18 प्रतिशत तय की गई है जबकि मॉनीटर और प्रोजेक्टरों पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का प्रस्ताव है।