नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जे को रद्द करने के फैसले से स्थानीय लोगों के लिए संपत्ति की कीमतें बढ़ने की संभावना है। संपत्ति सलाहकार एनारॉक का कहना है कि श्रीनगर में कीमतें गिर कर प्रति वर्ग फुट 2,200-4,000 रुपए के दायरे में आ गई थीं। हालांकि, एनारॉक ने एक रिपोर्ट में यह भी कहा है कि सुरक्षा चिंता, संभावित संपत्ति खरीदारों को फिलहाल वहां जमीन-जायदाद की खरीद से दूर रख सकती हैं।
एनारॉक के अध्यक्ष अनुज पुरी ने एक रिपोर्ट में कहा कि सरकार के हाल के अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 (ए) को रद्द करने के फैसले से जम्मू-कश्मीर के समग्र रियल एस्टेट बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जो अब तक बेहद निराशाजनक स्थिति में था।
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, श्रीनगर में संपत्ति की कीमतें अभी भी 2,200-4,000 रुपए प्रति वर्ग फुट के बीच हैं, जो देश के अन्य टियर 2 और टियर 3 शहरों की तुलना में काफी कम है। पुरी ने कहा कि एक तरफ, स्थानीय लोग आखिरकार अपनी संपत्तियों के मूल्य में वृद्धि देखेंगे। दूसरी तरफ, वास्तव में रोमांचक संभावना इस बात की है कि जम्मू-कश्मीर के बाहर के भारतीयों के लिए अचल संपत्तियों में निवेश के अवसर बढ़ेंगे।
एनारॉक के अध्यक्ष ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने हाल के संबोधन में बॉलीवुड के फिल्म निर्माता सहित विभिन्न उद्योगों को उस इस क्षेत्र में निवेश करने को आमंत्रित किया है। पूरी ने कहा कि इतना कहने के बाद भी इस पहल का, अभी भी कश्मीर के अचल संपत्ति बाजार पर होने वाले वास्तविक प्रभाव का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगा।
फिलहाल, यह अब भी एक अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र बना हुआ है और सुरक्षा चिंताओं के कारण संपत्ति खरीदार बाजार से दूर रह सकते हैं। एक बार स्थिरता कायम हो जाती है, तो इसे रेरा स्तर के नियमन की जरूरत होगी। इस बीच, लद्दाख पर्यटकों का एक प्रमुख और बेहद पसंदीदा क्षेत्र है जो पूरे वर्ष भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। आने वाले महीनों में लद्दाख के आतिथ्य क्षेत्र में गतिविधियों में तेजी आ सकती है।