नई दिल्ली। भारतीय पूंजी बाजार के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गई है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को एलआईसी के आईपीओ के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर्स और अन्य सलाहकारों की नियुक्ति के लिए बोलियां आमंत्रित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। भारत सरकार का कहना है कि एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) का संभावित आकार अभी तक के आए सभी आईपीओ से बड़ा होगा।
सरकार का इरादा भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) जनवरी, 2022 तक लाने का है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने इस साल जनवरी में बीमांकक कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया को आईपीओ से पहले एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकालने के लिए नियुक्त किया था। नवंबर अंत तक नियामकीय मंजूरियां मिलने की उम्मीद है। एलआईसी के निर्गम का 10 प्रतिशत हिस्सा इसके पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रहेगा।
समिति तय करेगी हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के विनिवेश को अपनी मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री की अगुवाई वाली एक समिति एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा तय करेगी। विनिवेश पर वैकल्पिक व्यवस्था द्वारा सरकार द्वारा हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा तय की जाएगी।
प्रस्तावित आईपीओ के लिए सरकार पहले ही एलआईसी कानून में जरूरी विधायी संशोधन कर चुकी है। डेलॉयट और एसबीआई कैप्स को आईपीओ पूर्व सौदे का सलाहकार नियुक्त किया गया है। एलआईसी की सूचीबद्धता सरकार के चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस 1.75 लाख करोड़ रुपये में एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे। शेष 75,000 करोड़ रुपये केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के विनिवेश से आएंगे।
सरकार ने एलआईसी अध्यक्ष पद किया समाप्त
भारतीय जीवन बीमा निगम में अब अध्यक्ष पद के बजाये मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक का पद होगा। गौरतलब है कि सरकार बीमा कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) से पहले अहम नियमों में बदलाव कर रही है। वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग ने भारतीय जीवन बीमा निगम (कर्मचारी) पेंशन (संशोधन) नियमों में संशोधन करके ये बदलाव किए हैं।
इसके अलावा एलआईसी अधिनियम, 1956 के तहत कुछ अन्य नियमों में भी संशोधन किए गए हैं। इस महीने सात तारीख को जारी एक गजट अधिसूचना के अनुसार, ‘‘अधिनियम (एलआईसी अधिनियम 1956) की धारा चार के तहत मुख्य कार्यकारी और प्रबंध निदेशक का अर्थ केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक से है।’’
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