नयी दिल्ली। वर्ल्ड बैंक की जांच इकाई CAO ने टाटा पावर की कंपनी कोस्टल गुजरात पॉवर लिमिटेड (CGPL) में पर्यावरण नियमों के उल्लंघन मामले में IFC की ओर से पूरी कार्रवाई नहीं किए जाने पर चिंता जताई है। वर्ल्ड बैंक की निवेश इकाई IFC ने CGPL में निवेश किया है।
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CAO ने CGPL के ऑडिट की अपनी दूसरी निगरानी रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले में शिकायतकर्ताओं की बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए और उसका निदान होना चाहिए। CGPL के खिलाफ मछुआरा समुदाय ने शिकायत की है। CAO यानी अनुपालन सलाहकार लोकपाल एक स्वतंत्र संस्था है जो कि वर्ल्ड बैंक को रिपोर्ट करती है। संस्था वर्ल्ड बैंक की ऋण देने वाली इकाई IFC की परियोजनाओं के खिलाफ समुदायों से मिलने वाली शिकायतों की समीक्षा करती है और आगे सुझाव देती है।
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CAO ने जुलाई 2012 में CGPL संयंत्र की अनुपालन समीक्षा में पाया कि कई तरह के मुद्दे इसमें सामने आए हैं। संयंत्र के ईद गिर्द पानी और वायु प्रदूषण भी इसमें शामिल है। संस्था ने इसके निदान के लिये आगे और जांच पर जोर दिया। CAO ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है, CAO इस बात को लेकर चिंतित है कि IFC ने जो कार्रवाई की है वह संयंत्र की समीक्षा में सामने आये मुद्दों के निदान के लिए काफी नहीं है।